माकपा की मुस्लिम विरोधी अभियान से भाजपा को केरल में लोस सीट जीतने में मदद मिली: आईयूएमएल
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) ने केरल में सत्तारूढ़ मा र्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया है कि लोकसभा चुनाव के दौरान उसके ‘‘मुस्लिम विरोधी अभियान’’ से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को त्रिशूर सीट जीतकर राज्य में खाता खोलने में मदद मिली.
तिरुवनंतपुरम, 15 जून : इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) ने केरल में सत्तारूढ़ मा र्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया है कि लोकसभा चुनाव के दौरान उसके ‘‘मुस्लिम विरोधी अभियान’’ से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को त्रिशूर सीट जीतकर राज्य में खाता खोलने में मदद मिली. विपक्षी कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) में प्रमुख सहयोगी आईयूएमएल ने मार्क्सवादी पार्टी के इस अभियान को "महज मजाक" करार दिया कि यदि वाम नहीं रहा, तो मुसलमान देश में द्वितीय श्रेणी के नागरिक बन जाएंगे.
आईयूएमएल प्रमुख सादिक अली शिहाब थंगल ने शनिवार को पार्टी के मुखपत्र "चंद्रिका" में छपे एक साक्षात्कार में दावा किया कि माकपा अक्सर अपने प्रचार के लिए "दोधारी रणनीति" चुनती है और "भाजपा वही काटती है, जो वामपंथी पार्टी बोती है.’’ उन्होंने वाम दल सहित सभी से आग्रह किया कि वे भाजपा की जीत और त्रिशूर में उसके बढ़ते मत प्रतिशत के कारणों का आत्मनिरीक्षण करें. उन्होंने कहा, ‘‘इसके कई कारण हैं...एक तो स्पष्ट है...माकपा द्वारा चलाए गए मुस्लिम रोधी अभियानों ने भी भाजपा की मदद की...माकपा जो बोती है, भाजपा उसे काटती है.’’ यह भी पढ़ें : केरल सरकार ने पलक्कड़ में लोको-पायलट की हड़ताल पर केंद्र सरकार से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया
उन्होंने कहा कि जब भाजपा ने त्रिशूर निर्वाचन क्षेत्र जीता, तब भी कांग्रेस-यूडीएफ उम्मीदवार को गुरुवायूर विधानसभा क्षेत्र में बहुमत मिला, जहां आईयूएमएल की मजबूत उपस्थिति है. उन्होंने कहा कि 26 अप्रैल को हुए लोकसभा चुनाव में आईयूएमएल उम्मीदवार ने तमिलनाडु के रामनाथपुरम में डेढ़ लाख से अधिक मतों से जीत हासिल की, जहां कुल मुस्लिम आबादी सिर्फ 18 प्रतिशत है. आईयूएमएल ने लोकसभा चुनाव में केरल में तीन सीट- मलप्पुरम और पोन्नानी- और तमिलनाडु में रामनाथपुरम जीती थीं.