नयी दिल्ली, नौ अप्रैल माकपा ने कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिये सरकार की तैयारियों को नाकाफी बताते हुये बृहस्पतिवार को कहा कि समस्या के शुरु होने के समय से ही सरकार के लचर रवैये के कारण यह संकट गहराता जा रहा है।
माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा, ‘‘भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण का पहला मामला 31 जनवरी को सामने आया था, लेकिन उस समय मोदी सरकार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा के आयोजन में व्यस्त थी।’’
उन्होंने कहा कि उस समय से चिकित्सकों के सुरक्षा उपकरण (पीपीई) की आपूर्ति के न इंतजाम किये गये ना कोई योजना बनायी गयी।
येचुरी ने कहा, ‘‘देश को अब भी प्रतिदिन एक लाख पीपीई की जरूरत है लेकिन 23 अप्रैल तक इनका उत्पादन बढ़ाकर 30 हजार प्रतिदिन ही किया जा सकता है।’’
माकपा नेता ने सरकार पर अपनी जिम्मेदारी से बचने का आरोप लगाते हुये कहा, ‘‘लाखों भारतीय फिर से गरीबी के मुहाने पर खड़े है। हमने इनकी फिक्र में केन्द्र सरकार से अब तक एक भी शब्द नहीं नहीं सुना, पीएम के पास ट्वीट करने के लिये समय ही कहां है?’’
उन्होंने कहा कि देश की अधिसंख्य आबादी जिंदगी और मौत से जूझ रही है, ऐसे में सरकार जनता के प्रति अपनी जवाबदेही से बच रही है।
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