नयी दिल्ली, 29 नवंबर: उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार का कार्यकाल छह महीने और बढ़ाने के केंद्र के फैसले को बुधवार को बरकरार रखा, जो 30 नवंबर को सेवानिवृत्त होने वाले थे. प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि केंद्र सरकार के फैसले को ‘‘कानून का उल्लंघन नहीं माना जा सकता.’’ पीठ ने कहा, ‘‘हम स्पष्ट करते हैं कि यह (कार्यकाल के विस्तार को बरकरार रखने वाला आदेश) प्रारंभिक दृष्टिकोण पर आधारित है.
संविधान पीठ (राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं से संबंधित संशोधित कानून का परीक्षण) के समक्ष लंबित मुद्दों पर कोई विचार नहीं किया है.’’
पीठ ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय को मुख्य सचिव का कार्यकाल बढ़ाने का अधिकार है जो संविधान की राज्य सूची की सातवीं अनुसूची की प्रविष्टि 1, 2 और 8 (पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि) से संबंधित सभी मुद्दों से निपटता है. पीठ ने कहा कि ये विषय दिल्ली सरकार के विधायी और कार्यकारी दायरे से बाहर के हैं, इसलिए, प्रारंभिक नजर में केंद्र के पास मुख्य सचिव का कार्यकाल बढ़ाने की जरूरी शक्ति है.
केंद्र ने मंगलवार को अदालत के समक्ष कहा कि वह कुमार का कार्यकाल बढ़ाना चाहता है। इस पर पीठ ने केंद्र से पूछा था कि क्या उसके पास ‘केवल एक ही व्यक्ति’ है, क्या इस पद के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) का कोई अन्य अधिकारी उपलब्ध नहीं है. पीठ बिना किसी परामर्श के नए मुख्य सचिव की नियुक्ति या मौजूदा शीर्ष नौकरशाह का कार्यकाल बढ़ाने के केंद्र के किसी भी कदम के खिलाफ दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
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