नयी दिल्ली, आठ अगस्त उच्चतम न्यायालय 11 अगस्त को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-पीजी) स्थगित करने के अनुरोध संबंधी याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया। याचिका में दावा किया गया है कि अभ्यर्थियों को ऐसे शहर आवंटित किये गये हैं, जहां पहुंचना उनके लिए बेहद असुविधाजनक है।
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने बृहस्पतिवार को इस मुद्दे पर वकील अनस तनवीर की दलीलों पर गौर किया। पीठ ने कहा कि मामले को शुक्रवार को सूचीबद्ध किया जाएगा।
याचिका में कहा गया कि कई उम्मीदवारों को ऐसे शहर आवंटित किए गए हैं, जहां पहुंचना उनके लिए बेहद असुविधाजनक है। याचिका में कहा गया है कि परीक्षा के लिए शहर 31 जुलाई को आवंटित किए गए थे और आठ अगस्त को विशिष्ट केंद्रों की घोषणा की जाएगी।
याचिका में कहा गया है कि केंद्रों का आवंटन कदाचार रोकने के लिए किया गया, लेकिन समय की कमी के कारण अभ्यर्थियों के लिए विशिष्ट शहरों तक यात्रा की व्यवस्था करना कठिन है।
विशाल सोरेन द्वारा दायर याचिका में कहा गया है, ‘‘प्रतिवादियों (राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी) को नीट-पीजी 2024 परीक्षा को पुनर्निर्धारित करने के लिए एक आदेश जारी करें।’’
राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातकोत्तर (नीट-पीजी) पहले 23 जून को आयोजित होने वाली थी। कुछ प्रतियोगी परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे ‘‘एहतियाती उपाय’’ के तौर पर स्थगित कर दिया था।
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