नयी दिल्ली, आठ दिसंबर माओवादियों से संपर्क मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जी एन साईबाबा को रिहा करने के बंबई उच्चतम न्यायालय के आदेश के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर उच्चतम न्यायालय 17 जनवरी 2023 को सुनवाई करेगा।
न्यायमूर्ति एम.आर. शाह और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने पक्षकारों को मामले में दलीलें पूरी करने का निर्देश दिया।
पीठ ने कहा, “सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अनुपालन के साथ 10 खंडों वाले रिकॉर्ड पर पूरे साक्ष्य एक सप्ताह के भीतर दाखिल किए जाएंगे।”
पीठ ने कहा कि अगर कोई विरोध है तो उसे 10 दिन की अवधि के अंदर दर्ज कराना होगा।
साईबाबा की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता आर. बसंत पेश हुए।
शीर्ष अदालत ने 15 अक्टूबर को माओवादियों से संबंध मामले में साईबाबा और अन्य को बरी करने के बंबई उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी थी।
साईबाबा की 2014 में गिरफ्तारी के बाद उच्च न्यायालय ने इसी साल 14 अक्टूबर को साईबाबा व अन्य को जेल से रिहा करने का आदेश दिया था।
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