देश की खबरें | न्यायालय ने मनीष सिसोदिया मानहानि मामले में मनोज तिवारी और अन्य के समन पर रोक लगायी

नयी दिल्ली, 27 जनवरी उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को एक सुनवाई अदालत के उस आदेश और कार्यवाही पर रोक लगा दी जिसमें दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा दायर मानहानि शिकायत पर भाजपा सांसद मनोज तिवारी, पार्टी विधायक विजेंद्र गुप्ता और अन्य को तलब किया गया है।

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ तिवारी और गुप्ता द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सहमत हो गयी। भाजपा नेताओं ने दिल्ली उच्च न्यायालय के 17 दिसंबर के फैसले को चुनौती दी थी जिसमें 28 नवंबर, 2019 को सुनवाई अदालत द्वारा पारित आदेश को बरकरार रखा था। सुनवाई अदालत ने समन जारी करने का आदेश दिया था।

पीठ ने अपने आदेश में नोटिस जारी करने को कहा। इसके साथ ही अदालत ने 28 नवंबर, 2019 के सुनवाई अदालत के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी।

उत्तर-पूर्वी दिल्ली क्षेत्र से सांसद तिवारी ने अपनी याचिका में कहा है कि शिकायत में लगाए गए आरोप भारतीय दंड संहिता के तहत मानहानि के अपराध के संबंध में बुनियादी आधार को पूरा नहीं करते हैं।

इसी तरह भाजपा विधायक गुप्ता ने कहा कि सुनवाई अदालत ने समन आदेश में गलत तरीके से गौर किया कि उनके और अन्य लोगों के खिलाफ कथित मानहानि अपराध मामले को आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त आधार हैं।

आम आदमी पार्टी के नेता ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कक्षाओं के निर्माण के मुद्दे पर कथित रूप से मानहानि का आरोप लगाने के लिए भाजपा के दो नेताओं और अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी है।

सिसोदिया ने अपनी शिकायत में दावा किया कि भाजपा नेताओं द्वारा लगाए गए सभी आरोप गलत थे और उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के इरादे से आरोप लगाए गए थे।

मानहानि मामले में दोषी पाए जाने पर दो साल तक की सजा या जुर्माना या दोनों के प्रावधान हैं।

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