नयी दिल्ली, 28 नवंबर उच्चतम न्यायालय ने दो मामलों की सुनवाई जम्मू से नयी दिल्ली स्थानांतरित करने की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की याचिका पर बृहस्पतिवार को जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक और दूसरे आरोपियों से जवाब मांगा।
न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने मलिक और दूसरे आरोपियों को नोटिस जारी करते हुए 18 दिसंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
सुनवाई के दौरान सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि अपहरण मामले में सुनवाई के लिए मलिक को जम्मू की अदालत में ले जाने की जरूरत नहीं है क्योंकि तिहाड़ जेल में ‘वीडियो-कॉन्फ्रेंस’ सुविधाओं वाली एक अदालत है।
मेहता ने अदालत से कहा, “हमने मूल मामले में संशोधन के लिए आवेदन दायर किए हैं। हमने ये तथ्य भी पेश किए हैं कि जेल में पहले से ही एक पूरी तरह कार्यात्मक अदालत मौजूद है, जिसमें जरूरत पड़ने पर ‘वीडियो कॉन्फ्रेंस’ की सभी सुविधाएं भी हैं। जेल में स्थित उस अदालती कक्ष में पहले भी सुनवाई हुई हैं।”
मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को होगी।
उच्चतम न्यायालय जम्मू की निचली अदालत के 20 सितंबर, 2022 के आदेश के खिलाफ सीबीआई की याचिका पर सुनवाई कर रहा है। निचली अदालत के आदेश में, तिहाड़ जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे मलिक को जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया के अपहरण मामले में जिरह के लिए जम्मू की अदालत में पेश होने का निर्देश दिया गया था।
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