नयी दिल्ली, 10 दिसंबर उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को उन संपन्न लोगों की सूची मांगी जिन्हें कथित तौर पर दिल्ली के रिज क्षेत्र में पेड़ों की अवैध कटाई से लाभ हुआ और वनीकरण के लिए ‘साइट योजना’ के बारे में भी जानना चाहा।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्ज्ल भुइयां की पीठ को अवगत कराया गया कि सड़क के चौड़ीकरण के कारण कई संपन्न व्यक्तियों को लाभ हुआ, जिसके कारण बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई हुई।
पीठ ने अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन से कहा, ‘‘हम उन सभी संपन्न व्यक्तियों की सूची चाहते हैं जिन्हें लाभ हुआ। हम यह भी जानना चाहते हैं कि ‘साइट योजना’ क्या है जहां वनीकरण किया जा सकता है। जो भी नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई की जरूरत है। हम ये सभी विवरण चाहते हैं।’’ याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने अधिकारियों पर अवमानना का आरोप लगाया है।
पीठ इस मामले की अगली सुनवाई 25 जनवरी को करेगी। शीर्ष अदालत ने सात नवंबर को दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) से दिल्ली रिज क्षेत्र को बहाल करने के लिए किए गए उपायों के बारे में पूछा था। रिज क्षेत्र दिल्ली में अरावली पर्वत श्रृंखला का विस्तार है और यह पहाड़ी इलाका एक वन क्षेत्र है।
शंकरनारायणन ने पहले कहा था कि भारतीय वन सर्वेक्षण की एक रिपोर्ट के अनुसार, कुल 1,670 पेड़ काटे गए, लेकिन डीडीए ने दावा किया कि केवल 642 पेड़ काटे गए थे।
शीर्ष अदालत ने एक संपर्क मार्ग के निर्माण के लिए पेड़ों की कटाई को लेकर डीडीए उपाध्यक्ष को अवमानना नोटिस जारी किया था।
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