अदालत ने नवाब मलिक के खिलाफ मानहानि मामले में अंतरिम राहत दिए जाने पर आदेश सुरक्षित रखा
बंबई उच्च न्यायालय ने स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के मंडलीय निदेशक समीर वानखेड़े के पिता द्वारा महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ दायर मानहानि के एक मामले में अंतरिम राहत दिए जाने के अनुरोध पर आदेश शुक्रवार को सुरक्षित रख लिया.
मुंबई, 13 नवंबर : बंबई उच्च न्यायालय ने स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के मंडलीय निदेशक समीर वानखेड़े के पिता द्वारा महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ दायर मानहानि के एक मामले में अंतरिम राहत दिए जाने के अनुरोध पर आदेश शुक्रवार को सुरक्षित रख लिया. समीर वानखेड़े के पिता ज्ञानदेव वानखेड़े ने राकांपा नेता से 1.25 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा है. उन्होंने मलिक को मुकदमे की सुनवाई के दौरान वानखेड़े परिवार के खिलाफ कोई भी झूठा या गलत बयान देने से रोकने का आदेश देने का भी अनुरोध किया है.
न्यायमूर्ति माधव जामदार ने पिछली सुनवाइयों में याचिकाकर्ता को यह बताने के लिए अतिरिक्त हलफनामा देने का शुक्रवार तक वक्त दिया था कि कैसे मलिक के ट्वीट्स और दस्तावेज झूठे तथा निराधार हैं. उन्होंने मलिक को एक हलफनामा दायर करने का भी निर्देश दिया जिसमें यह बताया जाए कि उन्होंने सोशल मीडिया पर दस्तावेजों को पोस्ट करने से पहले उनका सत्यापन किया था. यह भी पढ़ें : रेल यात्रियों के लिए बड़ी खबर – कोरोना काल से पहले की तरह दौड़ेंगी ट्रेनें, किराया भी होगा कम
वानखेड़े के पिता ने यह बताने के लिए 28 दस्तावेज पेश किए कि उनका नाम ‘‘ज्ञानदेव’’ है न कि ‘‘दाऊद’’ , जिसका आरोप राकांपा नेता ने लगाया था. वहीं, मंत्री ने हलफनामे में कहा कि उन्होंने दस्तावेजों को पोस्ट करने से पहले ‘‘यथोचित रूप से सत्यापित’’ किया था.