अदालत ने अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर सीबीआई की प्राथमिकी रद्द करने से इनकार किया
बंबई उच्च न्यायालय ने भ्रष्टाचार के आरोप में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी को बृहस्पतिवार को रद्द करने से इनकार कर दिया. न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एन जे जामदार की पीठ ने कहा कि प्राथमिकी रद्द करने के अनुरोध वाली देशमुख की याचिका ‘खारिज किए जाने लायक’ है.
मुंबई, 22 जुलाई : बंबई उच्च न्यायालय ने भ्रष्टाचार के आरोप में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) के खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी को बृहस्पतिवार को रद्द करने से इनकार कर दिया. न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एन जे जामदार की पीठ ने कहा कि प्राथमिकी रद्द करने के अनुरोध वाली देशमुख की याचिका ‘खारिज किए जाने लायक’ है. उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा की गई प्रारंभिक जांच के बाद देशमुख और कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में 24 अप्रैल को प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
उच्च न्यायालय ने देशमुख के उस अनुरोध को भी अस्वीकार कर दिया, जिसमें उन्होंने अपील दायर करने के लिए समय दिए जाने की खातिर फैसले पर रोक लगाने का आग्रह किया था. मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह द्वारा देशमुख के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद वकील जयश्री पाटिल की शिकायत पर जांच शुरू की गई थी. यह भी पढ़ें : दिल्ली उच्च न्यायालय 16 अगस्त से प्रायोगिक तौर पर परिसर से कामकाज शुरू करेगा
वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई के जरिए देशमुख ने उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध किया था. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता ने कहा था कि उनके खिलाफ चल रही सीबीआई जांच अवैध है, क्योंकि केंद्रीय एजेंसी ने उन पर मुकदमा चलाने के लिए महाराष्ट्र सरकार से पूर्व मंजूरी नहीं ली थी.