नयी दिल्ली, दो जनवरी उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को देशभर के मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) को खत्म करने की मांग को लेकर चलाए जा रहे द्रमुक के हस्ताक्षर अभियान के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया।
शीर्ष अदालत उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें राज्य को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि वह वहां के स्कूलों में इस तरह की गतिविधियों की इजाजत नहीं दे।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि अखिल भारतीय आधार पर होने वाली प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित की जानी चाहिए।
याचिकाकर्ता ने पीठ से कहा कि बच्चे परेशान हैं। इस पर न्यायमूर्ति कांत ने कहा, ‘‘सौभाग्य से, अब हमारे पास एक बहुत जानकार पीढ़ी है। हमारे बच्चे इतने मासूम नहीं हैं और अब वे सब कुछ समझते हैं।’’
न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा, ‘‘वे हमारी पीढ़ी से बहुत आगे हैं... वे सब कुछ समझते हैं, मकसद क्या है, एजेंडा क्या है, यह कैसे होता है।’’
हालांकि, पीठ ने याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। पिछले साल अक्टूबर में तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) ने नीट को खत्म करने की मांग को लेकर 50 दिनों में 50 लाख हस्ताक्षर प्राप्त करने के लिए एक अभियान शुरू किया था।
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