नयी दिल्ली, 24 अगस्त: उच्चतम न्यायालय ने राजस्थान में बसपा के छह विधायकों के कांग्रेस (Congress) विधायक के रूप में काम करने की इजाजत देने के विधान सभा अध्यक्ष के फैसले पर रोक के लिये भाजपा विधायक की याचिका का सोमवार को निस्तारण कर दिया. शीर्ष अदालत ने राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश के मद्देनजर भाजपा विधायक की याचिका को अब निरर्थक बताते हुये इसका निस्तारण किया.
न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा, न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से अध्यक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सूचित किया कि उच्च न्यायालय ने आज सवेरे भाजपा विधायक मदन दिलावर की याचिका पर आदेश पारित कर दिया है. उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय ने विधान सभा अध्यक्ष से कहा है कि बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय के खिलाफ याचिका पर उसके गुण दोष के आधार पर फैसला किया जाये. सिब्बल ने कहा कि उच्च न्यायालय ने विधानसभा अध्यक्ष से तीन महीने के अंदर मामले पर फैसला करने को कहा.
पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश के मद्देनजर यह याचिका अब निरर्थक हो गयी है.
न्यायालय ने 17 अगस्त को इस मामले की सुनवाई 24 अगस्त के लिये स्थगित कर दी थी क्योंकि उच्च न्यायालय सारे मामले पर विचार कर रहा था. न्यायालय को सूचित किया गया था कि राजनीतिक रूप से संवेदनशील इस मामले की सुनवाई कर रहा राजस्थान उच्च न्यायालय बुधवार तक बंद है. बताया जा रहा था कि उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के कोविड-19 से संक्रमित पाये जाने की वजह से अदालत का कामकाज 19 अगस्त तक के लिये स्थगित कर दिया गया था.
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