नयी दिल्ली, 26 नवंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने स्वच्छ ऊर्जा एजेंसी सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (सेकी) के उस फैसले पर रोक लगा दी है, जिसमें अनिल अंबानी समूह की कंपनी रिलायंस पावर लिमिटेड को तीन साल के लिए नीलामी में भाग लेने से प्रतिबंधित किया गया था। कंपनी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
इस महीने की शुरुआत में सेकी ने रिलायंस पावर और इसकी सहायक इकाइयों को तीन साल के लिए नीलामी में भाग लेने से रोक दिया था।
हाल ही में बैटरी भंडारण ठेके के लिए अपनी बोली का समर्थन करने के लिए फर्जी बैंक गारंटी जमा करने के आरोपों के कारण यह रोक लगाई गई थी।
कंपनी ने शेयर बाजार को बताया, ‘‘दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज अपनी सुनवाई में रिलायंस एनयू बीईएसएस लिमिटेड (जिसे पहले महाराष्ट्र एनर्जी जेनरेशन लिमिटेड के नाम से जाना जाता था) को छोड़कर इसकी सभी अनुषंगी कंपनियों सहित कंपनी के खिलाफ सेकी के प्रतिबंध पर रोक लगा दी है।''
रिलायंस एनयू बीईएसएस ने मनीला सिटी, मनीला, फिलिपीन में स्थित अपनी इकाई के जरिये फर्स्टरैंड बैंक द्वारा कथित रूप से जारी बैंक गारंटी जमा की थी।
विस्तृत जांच के बाद इस बैंक की भारतीय इकाई ने कहा कि फिलिपीन में बैंक की ऐसी कोई शाखा मौजूद नहीं है, जिसके कारण सेकी ने माना कि बैंक गारंटी फर्जी थी।
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