नयी दिल्ली, 21 मार्च उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को उम्र के कारण स्वास्थ्य की स्थिति को देखते हुए गैर इरादतन हत्या के मामले में जेल की सजा काट रहे 90 वर्षीय व्यक्ति को जमानत दे दी।
न्यायालय ने इस बात पर भी गौर किया कि व्यक्ति पहले ही तीन साल की सजा काट चुका है।
न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति ए एस ओका की पीठ ने कहा, “जहां तक आवेदक-अपीलकर्ता संख्या एक (अच्छे लाल) का संबंध है, यह देखा गया है कि वह 90 वर्ष से अधिक का है और पहले से ही तीन वर्ष की सजा अवधि काट चुका है।”
पीठ ने कहा, “उम्र के कारण उनकी स्वास्थ्य स्थिति और इस तथ्य के मद्देनजर की उच्च न्यायालय के समक्ष वाद लंबित होने के दौरान वह जमानत पर था और उसके खिलाफ कोई प्रतिकूल टिप्पणी नहीं दर्ज की गई है तथा जेल में भी उसका आचरण संतोषजनक था, ऐसे में न्याय के हित में यह आदेश दिया जाता है कि अपील के विचाराधीन रहने के दौरान, आवेदक-अपीलकर्ता संख्या एक को निचली अदालत की संतुष्टि के अनुसार जमानत पर रिहा किया जाए...।”
शीर्ष अदालत इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अप्रैल 2020 के फैसले के खिलाफ उस व्यक्ति द्वारा दायर अपील पर सुनवाई कर रही है, जिसने लाल सहित दो आरोपियों की सजा को भारतीय दंड संहिता के तहत हत्या के कथित अपराध से गैर इरादतन हत्या में बदल दिया था।
उच्च न्यायालय ने उनकी सजा को उम्र कैद से घटाकर 12 वर्ष कर दिया था।
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