नयी दिल्ली, 25 अप्रैल दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (डीएसजीएमसी) द्वारा संचालित पांच स्कूलों को कहा है कि वह दो सप्ताह के भीतर अपने सभी शिक्षकों के बकाया वेतन का भुगतान करे। इन स्कूलों के कुछ शिक्षकों को दिसंबर, 2019 से ही वेतन नहीं मिला है।
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति संगीता ढिंगरा सहगल की पीठ ने कहा, जब छात्रों से फीस ली जा रही है तो ‘‘वेतन भुगतान नहीं करने का कोई तर्क नहीं हो सकता है।’’
स्कूलों का कहना है कि छात्रों से अभी पूरी फीस नहीं मिली है, ऐसे में वेतन देना सभव नहीं है।
लेकिन पीठ ने उनकी इस दलील को खारिज करते हुए स्कूलों को दो सप्ताह का समय दिया कि वे सभी प्रभावित शिक्षकों का पूरो वेतन और जितनी भी बकाया राशि है, उसका भुगतान करें।
यह निर्देश देने के साथ ही अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 11 मई की तारीख तय की है, जब स्कूलों को बताना होगा कि उन्होंने आदेश का पालन किया है।
यह आदेश फतेह नगर, तिलक नगर, नानक पिआऊ, हरगोबिंद एन्क्लेव और इंडिगा गेट पर स्थित पांच स्कूलों के शिक्षकों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद आया है।
अपनी याचिका में फतेह नगर, तिलक नगर, नानक पिआऊ, शिक्षकों ने दावा किया था कि उन्हें दिसंबर, 2019 से वेतन नहीं मिला है और 23 अप्रैल को उन लोगों को सिर्फ 15,000 रुपये दिए गए हैं।
वहीं हरगोबिंद एन्क्लेव के शिक्षकों का कहना है कि उन्हें सिर्फ मार्च का वेतन नहीं मिला है, वहीं इंडिया गेट वाले स्कूल के शिक्षको का कहना है कि जनवरी में उन्हें वेतन का 85 प्रतिशत मिला, उसके बाद उन्हें कुछ नहीं मिला है।
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