नयी दिल्ली, 10 जुलाई उच्चतम न्यायालय ने कथित उत्पीड़न के मामले में अग्रिम जमानत देने से इनकार करने के गौहाटी उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बी वी श्रीनिवास की याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए असम को चार सप्ताह का समय दिया है।
उच्चतम न्यायालय ने 17 मई को श्रीनिवास को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था।
गौहाटी उच्च न्यायालय ने मई में श्रीनिवास की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
असम युवा कांग्रेस की निष्कासित अध्यक्ष अंकिता दत्ता ने श्रीनिवास पर मानसिक यातना देने का आरोप लगाते हुए एक मामला दर्ज कराया है।
न्यायमूति बी आर गवई और न्यायमूर्ति जे बी परदीवाला की पीठ ने सोमवार को मामले में सुनवाई की। राज्य की ओर से पेश वकील ने पीठ को बताया कि उन्हें जवाब देने के लिए थोड़ा और वक्त चाहिए।
इस पर पीठ ने पूछा, ‘‘क्या उन्होंने जांच में सहयोग किया है।’’
श्रीनिवास की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा, ‘‘हां, कई बार।’’
राज्य की ओर से पेश वकील ने कहा कि वे जवाबी हलफनामा दाखिल करेंगे और याचिकाकर्ता को पहले ही अंतरिम संरक्षण मिला हुआ है।
न्यायालय ने कहा, ‘‘चार सप्ताह में जवाब दाखिल करिए। इसके बाद दो सप्ताह में प्रत्युत्तर दिया जाए। छह सप्ताह में जवाब दिए जाएं।’’
उच्चतम न्यायालय ने असम सरकार को नोटिस जारी करते हुए 10 जुलाई तक याचिका पर जवाब देने को कहा था।
पीठ ने कहा था, ‘‘हमने (सीआरपीसी की धारा) 164 के तहत दिया गया बयान पढ़ा है जिसे अभियोजन पक्ष ने बड़ी शालीनता से हमारे समक्ष रखा है। हम इस स्तर पर राज्य के खिलाफ कुछ नहीं कहना चाहते।’’
उसने कहा था, ‘‘प्राथमिकी दर्ज होने में लगभग दो महीने की देरी पर विचार करते हुए याचिकाकर्ता को अंतरिम संरक्षण का अधिकार है। हम निर्देश देते हैं कि गिरफ्तारी की स्थिति में याचिकाकर्ता को 50,000 रुपये का मुचलका जमा करने पर अग्रिम जमानत पर छोड़ा जाएगा।’’
शीर्ष अदालत ने श्रीनिवास को जांच में सहयोग करने और 22 मई को पुलिस के समक्ष उपस्थित होने तथा राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा की जा रही जांच में भी सहयोग करने का निर्देश दिया।
अंकिता दत्ता ने 18 अप्रैल को सिलसिलेवार ट्वीट करके श्रीनिवास के खिलाफ आरोप लगाये थे।
दत्ता ने 20 अप्रैल को दिसपुर पुलिस थाने में शिकायत दायर कर आरोप लगाया था कि श्रीनिवास पिछले छह महीने से लैंगिक टिप्पणियां एवं अपशब्दों का प्रयोग कर उन्हें प्रताड़ित कर रहे थे और वरिष्ठ पार्टी नेताओं से शिकायत करने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी भी दे रहे थे।
दत्ता ने शिकायत में आरोप लगाया कि फरवरी में रायपुर में आयोजित पार्टी के पूर्ण सत्र के दौरान आरोपी ने उनके साथ बदतमीजी की और शिकायत करने पर उसका राजनीतिक करियर बर्बाद करने की धमकी दी।
गुवाहाटी पुलिस का पांच सदस्यीय दल 23 अप्रैल को बेंगलुरु गया था और उसने श्रीनिवास के आवास पर नोटिस चस्पा कर उन्हें दो मई को दिसपुर थाने में पेश होने को कहा।
कांग्रेस ने इस मामले में अंकिता को नोटिस जारी किया और पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए उन्हें छह साल के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया था।
श्रीनिवास ने भी अंकिता दत्ता को कानूनी नोटिस भेजकर माफी मांगने को कहा और ऐसा नहीं होने पर कानूनी कार्यवाही की चेतावनी दी थी।
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