नयी दिल्ली, सात जुलाई उच्चतम न्यायालय ने पत्रकार विनोद दुआ के यूट्यूब कार्यक्रम को लेकर हिमाचल प्रदेश में दर्ज राजद्रोह के मामले में उनके खिलाफ किसी भी तरह की दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण की अवधि मंगलवार को 15 जुलाई तक के लिये बढ़ा दी। दुआ के खिलाफ उनके इस कार्यक्रम को लेकर भाजपा के एक स्थानीय नेता ने शिकायत दर्ज करायी है।
भाजपा के स्थानीय नेता श्याम की शिकायत पर छह मई को शिमला के कुमारसेन थाने में विनोद दुआ के खिलाफ राजद्रोह, मानहानिकारक सामग्री प्रकाशित करने और सार्वजनिक शरारत करने जैसे आरोपों में भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। साथ ही विनोद दुआ को जांच में शामिल होने का निर्देश दिया गया था।
श्याम का आरोप है कि विनोद दुआ ने अपने कार्यक्रम में प्रधानमंत्री पर वोट हासिल करने के लिये मौत और आतंकी हमलों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था।
न्यायमूर्ति उदय यू ललित, न्यायमूर्ति एम एम शांतनगौडार और न्यायमूर्ति विनीत सरन की पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस मामले की सुनवाई की और हिमाचल प्रदेश पुलिस को इस मामले में अभी तक की जांच की रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। पीठ ने कहा कि इस मामले के अंतिम रूप से निस्तारण की तारीख अब निर्धारित की जायेगी।
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पीठ ने अपने आदेश मे कहा, ‘‘जांच के रिकार्ड का क्या है। अभी तक इसमें क्या हआ है? रजिस्ट्री में सीलबंद लिफाफे में इसे दाखिल किया जाये। इस दौरान पहले का आदेश प्रभावी रहेगा।’’
सुनवाई के दौरान दुआ की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि इस पत्रकार से वही सवाल बार-बार पूछे जा रहे हैं और यह एक तरह से उन्हें परेशान करने जैसा ही है। इस पर पीठ ने कहा कि दुआ को इस मामले में पूरक सवालों का जवाब देने की जरूरत नहीं है। दुआ इस मामले की डिजिटल माध्यम से जांच में शामिल हुये थे।
शीर्ष अदालत ने 14 जून को रविवार के दिन इस मामले की सुनवाई करते हुये अगले आदेश तक दुआ को गिरफ्तार करने से हिमाचल प्रदेश पुलिस को रोक दिया था।
हालांकि, पीठ ने दुआ के खिलाफ चल रही जांच पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था। पीठ ने कहा था कि दुआ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जांच में शामिल होंगे।
इस मामले की सुनवाई के दौरान विकास सिंह ने कहा, ‘‘मुझे बोलने और अभिव्यक्ति का अधिकार प्राप्त है और मुझे सरकार की आलोचना का भी अधिकार है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस ने शिकायत के बारे में विवरण देने से इंकार कर दिया है जबकि शीर्ष अदालत ने इस बारे में स्थिति रिपोर्ट मांगी है।
उन्होंने कहा कि दुआ पहले ही पुलिस द्वारा भेजे गये सवालों के जवाब दे चुके हैं और अब सवालों का नया सेट भेजा गया है।
दुआ ने अपनी याचिका में उनके खिलाफ प्राथमिकी निरस्त करने और उन्हें परेशान करने के कारण तगड़ा जुर्माना लगाने का अनुरोध न्यायालय से किया है।
अनूप
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