देश की खबरें | न्यायालय ने दूरसंचार कंपनियों के एजीआर का बकाया नहीं देने पर चिंता जताई
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उच्चतम न्यायालय ने दिवाला कार्यवाही का सामना कर रही दूरसंचार कंपनियों द्वारा समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) से संबंधित बकाया राशि का भुगतान नहीं करने पर बृहस्पतिवार को चिंता व्यक्त की और कहा, ‘‘घोड़े के लिये भुगतान किये बगैर ही दूरसंचार कंपनियां सवारी कर रही हैं।’’
नयी दिल्ली, 20 अगस्त उच्चतम न्यायालय ने दिवाला कार्यवाही का सामना कर रही दूरसंचार कंपनियों द्वारा समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) से संबंधित बकाया राशि का भुगतान नहीं करने पर बृहस्पतिवार को चिंता व्यक्त की और कहा, ‘‘घोड़े के लिये भुगतान किये बगैर ही दूरसंचार कंपनियां सवारी कर रही हैं।’’
शीर्ष अदालत ने कहा कि वह इस बात से ‘बहुत ही चिंतित है’’ की एजीआर से संबंधित बकाया लगभग समूची राशि दिवाला और ऋण अक्षमता संहिता की कार्यवाही में ‘स्वाहा’ हो जायेगी।
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न्यायालय ने आश्चर्य व्यक्त किया कि क्या एजीआर से संबंधित बकाया जैसी देनदारी दिवाला और ऋण अक्षमता संहिता के तहत स्पेक्ट्रम बेचने की आड़ में परिसमाप्त हो जायेगी।
न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने कहा कि दिवाला और ऋणअक्षमता संहिता के तहत स्पेक्ट्रम का कारोबार स्पेक्ट्रम की बिक्री से भिन्न है। पीठ ने कहा, ‘‘घोड़े की कीमत दिये बगैर दूरसंचार कंपनियां उसकी सवारी कर रही हैं। बकाया राशि का भुगतान किये बगैर कोई भी स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल नहीं कर सकता। क्या दिवाला और ऋण अक्षमता संहिता के तहत स्पेक्ट्रम की बिक्री की आड़ में एजीआर जैसी देनदारी का परिसमापन किया जा सकता है।’’
पीठ ने कहा, ‘‘हम बहुत ही ज्यादा चिंतित हैं कि दिवाला और ऋण अक्षमता कार्यवाही में एजीआर की बकाया सारी रकम ही खत्म हो जायेगी।’’
पीठ ने कहा कि स्पेक्ट्रम की बिक्री के बाद नया उपभोक्ता इस स्पेकट्रम से संबंधित बकाया मांग से अपना पल्ला झाड़ लेगा।
सुनवाई के दौरान एयरसेल निगरानी समिति की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रवि कदम ने पीठ से कहा कि आठ अप्रैल, 2016 से भारती एयरटेल के साथ स्पेक्ट्रम कारोबार के आठ मामले हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि दूरसंचचार विभाग ने इस बिक्री को मंजूरी दी थी और बकाया राशि की मांग भी की थी।
कदम ने कहा कि एयरसेल द्वारा किसी दूसरे ऑपरेटर के साथ स्पेक्ट्रम साझा करने की कोई घटना नहीं है।
पीठ ने कदम से पूछा कि एजीआर के बकाया के बारे में एयरसेल का समाधान कार्यवाही से क्या करना है।
पीठ ने सवाल किया कि क्या एयरसेल से स्पेक्ट्रम खरीदने के लिये एयरटेल ने एजीआर बकाया राशि का भुगतान किया।
एयरटेल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि कंपनी ने स्पेक्ट्रम कारोबार के संबंध में सारी प्रासंगिक देनदारियों का भुगतान किया है और उसने एजीआर बकाया के रूप मे 18,004 करोड़ रूपए का भुगतान किया है।
पीठ ने कहा कि वह 1999 से रिलायंस कम्युनिकेशंस और एयरसेल को आबंटित स्पेक्ट्रम के बारे में दूरसंचार विभाग से विवरण चाहती है।
पीठ ने कहा कि न्यायालय स्पेक्ट्रम साझा करने के सभी मामलों का संबंधित विवरण चाहता है। पीठ ने जानना चाहा कि क्या एयरसेल आईबीसी के तहत स्पेक्ट्रम बेचने की सोच रही है।
इस पर कदम ने कहा कि स्पेक्ट्रम के इस्तेमाल का अधिकार संपत्ति है और कंपनी चालू रखने के लिये समाधान योजना की मंजूरी से यह अधिकार बेचा जायेगा।
उन्होंने कहा कि कंपनी को स्पेक्ट्रम के इस्तेमाल का अधिकार हस्तांतरित करने का हक है।
इस मामले में सुनवाई अधूरी रही जो अब शुक्रवार को भी जारी रहेगी।
न्यायालय ने 14 अगस्त को रिलायंस कम्युनिकेशंस और रिलायंस जियो के बीच स्पेक्ट्रम साझा करने के लिये हुये समझौते का विवरण मांगा और सवाल किया कि दूसरी कंपनी के स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल करने वाली कंपनी से सरकार समायोजित सकल राजस्व से संबंधित बकाया राशि की मांग क्यों नहीं कर सकती है।
केन्द्र ने इससे पहले न्यायालय से कहा था कि दिवाला कार्यवाही के दौरान स्पेक्ट्रम की बिक्री के सवाल पर उसके दो मंत्रालयों-दूरसंचार विभाग और कार्पोरेट मामले) में मतभेद है।
अनूप
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