नयी दिल्ली, 28 जुलाई दिल्ली की एक अदालत ने महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के मामले में भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान प्रमुख एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद बृजभूषण शरण सिंह को शुक्रवार को दिनभर के लिए व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दे दी।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल ने बृजभूषण शरण सिंह को उनके वकील द्वारा दायर एक आवेदन पर यह राहत दी। वकील ने अदालत को बताया कि आरोपी उसके समक्ष पेश होने में असमर्थ हैं क्योंकि वह एक सांसद के रूप में अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में व्यस्त हैं।
डब्ल्यूएफआई के निलंबित सहायक सचिव विनोद तोमर अदालत में पेश हुए।
न्यायाधीश ने दोनों आरोपियों को दिल्ली पुलिस से प्राप्त आरोप पत्र और अन्य दस्तावेजों का अवलोकन करने के लिए समय दिया।
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘केवल आज के लिए (छूट आवेदन) को अनुमति दी जाती है। यह दलील दी गई है कि दस्तावेजों की जांच के लिए और समय दिया जाए। अभियोजन पक्ष द्वारा इस पर कोई आपत्ति नहीं है... मामले की अगली सुनवाई तीन अगस्त को होगी।’’
दिल्ली की एक अदालत ने महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न मामले में बृजभूषण शरण सिंह को 20 जुलाई को नियमित जमानत दे दी थी।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने कहा था, ‘‘मैं कुछ शर्तों के साथ 25,000 रुपये के एक मुचलके पर जमानत मंजूर करता हूं।’’
दिल्ली पुलिस ने सांसद के खिलाफ 15 जून को भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से हमला या आपराधिक बल प्रयोग करना), 354ए(यौन उत्पीड़न), 354डी (पीछा करना) और 506 (आपराधिक भयादोहन) के तहत आरोपपत्र दाखिल किया था।
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