
नयी दिल्ली, 5 मार्च : दिल्ली उच्च न्यायालय ने ‘रैपिड ट्रांसपोर्ट नेटवर्क' की ऑरेंज लाइन को विकसित एवं संचालित करने संबंधी दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) और अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड (डीएएमईपीएल) के बीच 2008 में हुए समझौते की सीबीआई जांच के अनुरोध वाली याचिका खारिज कर दी है.
न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति सुधीर कुमार जैन की पीठ ने कहा कि भले ही वह इस दलील को स्वीकार भी कर ले कि समझौते पर सक्षम प्राधिकारी द्वारा हस्ताक्षर नहीं किए गए हैं, तब भी यह ऐसा अपराध नहीं होगा, जिसकी जांच सीबीआई द्वारा की जाए. अदालत ने कहा कि उसकी राय है कि दुर्लभतम मामलों में सीबीआई जांच का आदेश दिया जाना चाहिए. यह भी पढ़ें : Russia Ukraine Crisis: यूक्रेन संकट पर वरुण गांधी का ट्वीट, बोले- युद्ध ने हजारों छात्रों को मानसिक रूप से तोड़ा, अधर में लटका भविष्य
पीठ अधिवक्ता और याचिकाकर्ता मनोहर लार शर्मा की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें उन्होंने सीबीआई को लोक सेवक द्वारा आपराधिक विश्वासघात, आईपीसी के तहत धोखाधड़ी व आपराधिक साजिश के कथित अपराध और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था.