देश की खबरें | न्यायालय ने सुकेश चंद्रशेखर को अपनी ओर से किये गये भुगतान का ब्योरा देने का निर्देश दिया

मुंबई, 13 जुलाई उच्चतम न्यायालय ने कथित ‘ठग’ सुकेश चंद्रशेखर को उन व्यक्तियों की सूची उपलब्ध कराने का बुधवार को निर्देश दिया जिन्हें उसकी ओर से भुगतान किये गये। न्यायालय ने इसके साथ ही यह भी बताने को कहा कि उसने उन लोगों को किनके माध्यम से भुगतान किया।

चंद्रशेखर ने दावा किया है कि दिल्ली की तिहाड़ जेल में कुछ अधिकारियों ने उससे 12.5 करोड़ रुपये ऐंठे हैं।

शीर्ष अदालत ने चंद्रशेखर से सवाल किये कि आखिरकार उसकी ओर से किसने पैसों का भुगतान किया। न्यायालय ने कहा कि वह ‘मामले की जड़’ में जाएगा।

न्यायालय चंद्रशेखर और उनकी पत्नी की उस याचिका की सुनवाई कर रही है जिसमें उन्होंने अपनी जान के कथित खतरों के मद्देनजर तिहाड़ जेल से अन्यत्र स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है।

न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित, न्यायमूर्ति एस. आर. भट और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने कहा, ‘‘हम याचिकाकर्ता को उन व्यक्तियों की सूची उपलब्ध कराने का निर्देश देते हैं, जिन्हें भुगतान किया गया। इसके साथ ही, हम अपनी ओर से उन्हें किये गये भुगतान का विस्तृत ब्योरा देने का निर्देश देते हैं। याचिकाकर्ता यह भी बताएं कि किन्हें और किनके माध्यम से भुगतान किये गये। सुनवाई की अगली तारीख तक सभी ब्योरा पेश करें।’’

चंद्रशेखर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता आर. बसंत ने शीर्ष अदालत से कहा कि याचिकाकर्ता को धमकी दी गयी और उनसे तिहाड़ जेल में पैसे ऐंठे गये।

न्यायालय ने कहा, ‘‘आपके अनुसार, आपसे (याचिकाकर्ता से) कितना धन ऐंठा गया है?’’ इस पर बसंत ने कहा कि आरोपों के अनुसार, यह राशि करीब 12.5 करोड़ रुपये है।

शीर्ष अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 26 जुलाई की तारीख मुकर्रर करते हुए पूछा, ‘‘कौन लोग हैं, जिन्होंने आपकी ओर से भुगतान किये थे।’’

इस बीच अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू ने पीठ से कहा कि चंद्रशेखर के खिलाफ गंभीर आरोप हैं, जिसमें खुद को फर्जी न्यायाधीश के रूप में पेश करना भी शामिल है।

उन्होंने कहा, ‘‘उसने (चंद्रशेखर ने) जेल से लोगों से ठगी की और 214 करोड़ रुपये ऐंठे।’’ उन्होंने आगे कहा कि चंद्रशेखर तिहाड़ जेल से अन्य स्थानांतरित होना चाहता है ताकि वह अपना गोरखधंधा चला सके।’’

पीठ ने कहा कि चंद्रशेखर के खिलाफ आरोप है कि वह कुछ अधिकारियों को रिश्वत देकर जेल से अपनी गतिविधियां चला रहा था। पीठ ने कहा, ‘‘हम दोनों पहलुओं की पड़ताल करना चाहते हैं।’’

न्यायालय ने कहा, ‘‘हम निश्चित तौर पर उस व्यक्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे, ताकि उसे इस तरह की किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े।’’

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