नयी दिल्ली, 10 जनवरी दिल्ली की एक अदालत ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को भ्रष्टाचार के एक नये मामले में कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम को गिरफ्तारी से तीन दिन पहले लिखित नोटिस देने का शुक्रवार को निर्देश दिया।
कार्ति पर आरोप कि उन्होंने एक शराब कंपनी को उसकी व्हिस्की की शुल्क-मुक्त बिक्री पर प्रतिबंध से राहत दिलाने में मदद की थी।
विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने कार्ति की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान यह आदेश पारित किया। उन्होंने कांग्रेस सांसद को जांच प्रक्रिया में शामिल होने और कानून के अनुसार जब भी जरूरी हो, सीबीआई का सहयोग करने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति बावेजा ने कहा, “12 जनवरी 2025 को भारत लौटने पर मामले की जांच में शामिल होने के बाद अगर याचिकाकर्ता को गिरफ्तार करने की जरूरत पड़ती है, तो जांच एजेंसी उसे तीन दिन पहले लिखित नोटिस देगी। याचिकाकर्ता देश लौटने पर मामले की जांच में शामिल होगा और कानून के अनुसार जब भी आवश्यक हो, जांच प्रक्रिया में सहयोग करेगा।”
अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया था कि सीबीआई ने आईटीडीसी (भारत पर्यटन विकास निगम) द्वारा डियाजियो स्कॉटलैंड की व्हिस्की की शुल्क-मुक्त बिक्री पर लगाए गए प्रतिबंध से कंपनी को कथित तौर पर पैसे लेकर राहत दिलाने के आरोप में कार्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
प्राथमिकी के मुताबिक, यह मामला एडवांटेज स्ट्रेटेजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड (एएससीपीएल) को डियाजियो स्कॉटलैंड और सिकोइया कैपिटल्स की ओर से किए गए कथित संदिग्ध भुगतान से संबंधित है, जो कार्ति और उनके करीबी सहयोगी एस भास्कररमन द्वारा नियंत्रित इकाई है।
कार्ति के खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार का यह चौथा मामला पी चिदंबरम के वित्त मंत्री रहने के दौरान एफआईपीबी मंजूरी देने में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए 2018 में सीबीआई द्वारा की गई प्रारंभिक जांच से उपजा है।
यह मामला कटरा होल्डिंग्स, एएससीपीएल, कार्ति चिदंबरम और अन्य के खिलाफ दर्ज किया गया है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)
नयी दिल्ली, 10 जनवरी दिल्ली की एक अदालत ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को भ्रष्टाचार के एक नये मामले में कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम को गिरफ्तारी से तीन दिन पहले लिखित नोटिस देने का शुक्रवार को निर्देश दिया।
कार्ति पर आरोप कि उन्होंने एक शराब कंपनी को उसकी व्हिस्की की शुल्क-मुक्त बिक्री पर प्रतिबंध से राहत दिलाने में मदद की थी।
विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने कार्ति की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान यह आदेश पारित किया। उन्होंने कांग्रेस सांसद को जांच प्रक्रिया में शामिल होने और कानून के अनुसार जब भी जरूरी हो, सीबीआई का सहयोग करने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति बावेजा ने कहा, “12 जनवरी 2025 को भारत लौटने पर मामले की जांच में शामिल होने के बाद अगर याचिकाकर्ता को गिरफ्तार करने की जरूरत पड़ती है, तो जांच एजेंसी उसे तीन दिन पहले लिखित नोटिस देगी। याचिकाकर्ता देश लौटने पर मामले की जांच में शामिल होगा और कानून के अनुसार जब भी आवश्यक हो, जांच प्रक्रिया में सहयोग करेगा।”
अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया था कि सीबीआई ने आईटीडीसी (भारत पर्यटन विकास निगम) द्वारा डियाजियो स्कॉटलैंड की व्हिस्की की शुल्क-मुक्त बिक्री पर लगाए गए प्रतिबंध से कंपनी को कथित तौर पर पैसे लेकर राहत दिलाने के आरोप में कार्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
प्राथमिकी के मुताबिक, यह मामला एडवांटेज स्ट्रेटेजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड (एएससीपीएल) को डियाजियो स्कॉटलैंड और सिकोइया कैपिटल्स की ओर से किए गए कथित संदिग्ध भुगतान से संबंधित है, जो कार्ति और उनके करीबी सहयोगी एस भास्कररमन द्वारा नियंत्रित इकाई है।
कार्ति के खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार का यह चौथा मामला पी चिदंबरम के वित्त मंत्री रहने के दौरान एफआईपीबी मंजूरी देने में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए 2018 में सीबीआई द्वारा की गई प्रारंभिक जांच से उपजा है।
यह मामला कटरा होल्डिंग्स, एएससीपीएल, कार्ति चिदंबरम और अन्य के खिलाफ दर्ज किया गया है।
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