नयी दिल्ली, एक अगस्त कोरोना वायरस वैश्विक महामारी की मार के असर के कारण शनिवार को ईद-अल-अजहा के मौके पर लोगों के बीच इस बार पहले जैसा उत्साह देखने को नहीं मिला, बाजार से रौनक गायब रही और लोगों को घरों में ही रहने पर मजबूर होना पड़ा।
ईद-अल-अजहा के मौके पर कुर्बानी के लिए खरीदे जाने वाले बकरों की बिक्री खासी प्रभावित हुई।
मस्जिदों में सीमित संख्या में एकत्र हुए लोगों ने सामाजिक दूरी का पालन करते हुए नमाज पढ़ी। दिल्ली की जामा मस्जिद में लोग अपनी चटाइयां लेकर आए और उन्होंने एक-दूसरे के गले लगने से परहेज किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों को ईद-उल-अजहा की शुभकामनाएं दीं और उम्मीद जताई कि यह पर्व ‘‘न्यायपूर्ण, समरसतापूर्ण और एक समावेशी’’ समाज के निर्माण के लिए प्रेरित करेगा।
मोदी ने ट्वीट किया,‘‘ईद मुबारक। ईद-उल-अजहा पर बधाई। यह दिन हमें न्यायपूर्ण, समरसतापूर्ण और एक समावेशी समाज के निर्माण के लिए प्रेरित करे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भाईचारे और करुणा की भावना आगे बढ़े।’’
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोगों को ईद की मुबारकबाद दी और उम्मीद जताई कि यह त्योहार समाज में शांति और समृद्धि लेकर आएगा।
शाह ने ट्वीट किया, ‘‘ईद-उल-अजहा की मुबारकबाद। कामना करता हूं कि यह दिन हमारे समाज में शांति, सद्भाव और समृद्धि लेकर आए।’’
फजर (तड़के) की नमाज पढ़ने के लिए पुरानी दिल्ली में जामा मस्जिद और फतेहपुरी मस्जिद में बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए।
फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मुफ्ती मुकर्रम ने कहा, “मस्जिद में नमाज के दौरान लोगों ने मास्क लगाया था और सामाजिक दूरी का पालन किया।”
उन्होंने कहा, “ईद-उल-अजहा का मतलब है, कुर्बानी की ईद। हमने महामारी से राहत, शांति और देश के विकास के लिए दुआ मांगी और कोविड-19 के एहतियात के साथ मस्जिदों में नमाज पढ़ने की इजाजत देने के लिए अधिकारियों का शुक्रिया अदा किया।”
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली वासियों को ईद की बधाई दी।
केजरीवाल ने ट्वीट किया, “ईद-उल-अजहा की आप सभी को दिली मुबारकबाद।”
जम्मू-कश्मीर में शनिवार को ईद-उल-अजहा का जश्न कोविड-19 वैश्विक महामारी के मद्देनजर सादगी से मनाया गया। ज्यादातर लोगों ने छोटे समूहों में नमाज पढ़ी और सामाजिक दूरी के नियम का पालन किया।
अधिकारियों ने बताया कि कश्मीर की प्रमुख मस्जिदों और दरगाहों में ईद की नमाज नहीं पढ़ी गई क्योंकि पुलिस ने श्रीनगर शहर समेत घाटी के ज्यादातर हिस्सों में सख्त पाबंदियां लगाई हुई हैं।
उन्होंने बताया कि लोगों की आवाजाही को नियंत्रित करने के लिए शहर में कई स्थानों पर कंटीली तारें और अवरोधक लगाए गए।
उन्होंने बताया कि लोगों ने घरों में ही ईद की नमाज अदा की।
हालांकि शहरों के अंदरुनी हिस्सों में स्थित मस्जिदों में समूहों में ईद की नमाज पढ़ने की खबरें आयीं।
पुलिसकर्मियों ने सुबह-सुबह लाउडस्पीकरों पर घोषणा करते हुए लोगों से ईद की नमाज के लिए एकत्रित न होने की अपील की क्योंकि घाटी में अब भी कोरोना वायरस का खतरा बना हुआ है।
अधिकारियों ने बताया कि बकरीद के मौके पर घाटी में विभिन्न स्थानों पर बकरों की बलि दी गई।
उन्होंने बताया कि इस साल कोविड-19 के खतरे के कारण पिछले साल के मुकाबले कम पशुओं की बलि दी गई।
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस की कड़ी तोड़ने के लिए सप्ताहांत में लागू किए गए लॉकडाउन के कारण ईद का जश्न फीका रहा।
लखनऊ ईदगाह के इमाम खलील रशीद फिरंगी महली ने ‘पीटीआई ’ से कहा, ‘‘लखनऊ ईदगाह में केवल पांच लोगों ने नमाज अदा की। अधिकतर लोगों ने घर पर ही नमाज पढ़ी और अपने घर पर ही ‘कुर्बानी’ दी।’’
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