जयपुर, चार फरवरी राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने शनिवार को कहा कि दीक्षांत शिक्षा का अंत नहीं बल्कि नए जीवन का प्रवेश द्वार है। उन्होंने विश्वविद्यालयों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ मौलिक शोध संस्कृति से जुड़ने का आह्वान किया।
मिश्र बांसवाड़ा में गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे।
राज्यपाल ने जनजातीय विश्वविद्यालय को शोध परियोजनाओं के तहत आदिवासी अंचलों की परंपराओं और संस्कृति के सहेजे जाने पर भी जोर दिया।
एक बयान के अनुसार मिश्र ने दीक्षांत समारोह में उपाधि प्राप्त करने वाले छात्रों की अपेक्षा छात्राओं की संख्या अधिक होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह बालिका शिक्षा के क्षेत्र में एक सुखद एवं सराहनीय पहल है।
राज्यपाल कलराज मिश्र ने समारोह में 30 मेधावियों को स्वर्ण पदक व 11 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि प्रदान की। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा नई शिक्षा नीति के आलोक में ऐसे पाठ्यक्रम बनाए जाने की भी आवश्यकता जताई जिनसे आदिवासी क्षेत्रों की प्रकृति संरक्षण परंपराओं को आगे बढ़ाया जा सके।
समारोह में जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया ने कहा कि गोविन्द गुरु जनजाति विश्वविद्यालय के खुलने से जनजाति क्षेत्र में शिक्षा स्तर में क्रांति आई है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)