मुंबई, 10 जुलाई महाराष्ट्र कैडर की 2022 बैच की भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी पूजा खेडकर ने सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए कथित तौर पर फर्जी दिव्यांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाण पत्र जमा किए। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
यह दावा उस समय सामने आया जब एक दिन पहले ही परिवीक्षाधीन आईएएस अधिकारी को पद के दुरुपयोग की शिकायतों के बाद पुणे से वाशिम स्थानांतरित कर दिया गया था। वह अपनी निजी ऑडी कार पर लाल-नीली बत्ती और वीआईपी नंबर प्लेट का इस्तेमाल करती थीं।
अधिकारी ने बताया कि खेडकर ने ओबीसी और दृष्टिबाधित श्रेणियों के तहत सिविल सेवा परीक्षा दी थी और उन्होंने मानसिक बीमारी का प्रमाण पत्र भी जमा किया था।
अधिकारी ने बताया कि अप्रैल 2022 में उन्हें अपने दिव्यांगता प्रमाण पत्र के सत्यापन के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली जाने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने कोरोना वायरस संक्रमण का हवाला देते हुए ऐसा नहीं किया।
अधिकारी ने कहा कि उनके पिता दिलीप खेडकर (जो राज्य सरकार के पूर्व अधिकारी हैं) ने हालिया लोकसभा चुनाव लड़ते समय अपनी संपत्ति का मूल्य 40 करोड़ रुपये घोषित किया था।
हालांकि, अधिकारी ने कहा कि पूजा खेडकर ओबीसी श्रेणी के तहत सिविल सेवा परीक्षा में शामिल हुईं, जहां ‘क्रीमी लेयर’ सीमा आठ लाख रुपये वार्षिक पैतृक आय है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)