विश्लेषकों ने आगाह किया है कि कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये बार-बार ‘लॉकडाउन’ से दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की स्थिति नाजुक बनी हुई है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के अनुसार, खुदरा बिक्री अगस्त में सालाना आधार पर 5.4 प्रतिशत बढ़ी। यह इससे पिछले महीने की 2.7 प्रतिशत वृद्धि से दोगुना है। आधिकारिक अनुमान में इसके 3.3 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी गयी थी।
औद्योगिक उत्पादन आलोच्य महीने में 4.2 प्रतिशत बढ़ा जो जुलाई में 3.8 प्रतिशत था। औद्योगिक उत्पादन जरूर बढ़ा है, लेकिन यह अभी पिछले प्रदर्शन के मुकाबले कमजोर है। कारखानों, रियल एस्टेट और अन्य स्थिर संपत्तियों में निवेश 5.8 प्रतिशत रहा जो इससे पिछले महीने जुलाई में 5.7 प्रतिशत था।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मकानों के दाम में कमी के साथ बिक्री घटी है। इससे रियल एस्टेट क्षेत्र में गतिविधियां धीमी हुई हैं। इसका एक कारण सरकार का कंपनी कर्ज में वृद्धि पर नियंत्रण लगाने को लेकर किये गये उपाय हैं।
कैपिटल इकनॉमिस्ट के जुलियन इवान्स-प्रिटकार्ड ने एक रिपोर्ट में कहा, ‘‘चीन की अर्थव्यवस्था अनुमान के मुकाबले थोड़ी बेहतर हुई है। हालांकि, वृद्धि की रफ्तार अब भी धीमी है।’’
चीन की आर्थिक वृद्धि दर 2022 की पहली छमाही में घटकर 2.5 प्रतिशत रही जो आधिकारिक लक्ष्य 5.5 प्रतिशत के मुकाबले आधे से भी कम है। बड़े स्तर पर प्रोत्साहन व्यय के अभाव में कर्ज और मकान की लागत बढ़ सकती है।
अर्थशास्त्रियों ने कहा कि इस साल चीन की आर्थिक वृद्धि दर तीन प्रतिशत से नीचे रह सकती है। यह पिछले साल के 8.1 प्रतिशत के मुकाबले आधे से भी कम है। सरकार ने अब 5.5 प्रतिशत के लक्ष्य की बात करना छोड़ दिया है।
चीन की अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये बार-बार लगायी गयी पाबंदियों का असर पड़ा है। मार्च में शंघाई और अन्य औद्योगिक केंद्रों में पाबंदियों से आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं। ये पाबंदियां नरम हुई हैं, लेकिन दक्षिण कारोबारी केंद्र शेनझेन और अन्य शहरों में अस्थायी तौर पर कुछ प्रतिबंध लगाये गये हैं।
आईएनजी के रॉबर्ट कॉरनेल ने रिपोर्ट में कहा कि अर्थव्यवस्था के समक्ष आने वाले समय में ‘लॉकडाउन’ का जोखिम अभी बना हुआ है।
एपी
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