नयी दिल्ली, 27 नवंबर राष्ट्रीय राजधानी में सिविल लाइंस स्थित दिल्ली के उपराज्यपाल कार्यालय के निकट बुधवार को सैकड़ों निर्माण श्रमिकों ने प्रदर्शन किया और जीआरएपी के तहत निर्माण गतिविधियों पर जारी प्रतिबंध के कारण हुई आय हानि के लिए मुआवजे की मांग की।
उन्होंने उपराज्यपाल कार्यालय और श्रम विभाग को एक ज्ञापन भी सौंपा, जिसमें उन्होंने अपनी चिंताओं को व्यक्त किया और अपनी मांगों पर कार्रवाई का अनुरोध किया।
यह प्रदर्शन ‘बिल्डिंग वर्कर्स यूनियन’ द्वारा आयोजित किया गया था, जो अखिल भारतीय केंद्रीय ट्रेड यूनियन परिषद (एआईसीसीटीयू) से संबद्ध है।
प्रदर्शन के दौरान श्रमिकों ने 18 नवंबर को जीआरएपी प्रतिबंधों के कार्यान्वयन के बाद निर्माण प्रतिबंध से उनकी आजीविका पर पड़ने वाले प्रभावों को उजागर किया।
दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता खराब होने के कारण, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने जीआरएपी के चरण 4 के अंतर्गत सख्त प्रदूषण नियंत्रण उपायों की घोषणा की है, जिसमें ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध और सार्वजनिक परियोजनाओं पर निर्माण पर अस्थायी रोक शामिल है।
प्रदर्शनकारियों ने सुश्रुत ट्रॉमा सेंटर से उपराज्यपाल कार्यालय की ओर मार्च किया और सत्ता-विरोधी नारे लगाए।
पुलिस ने प्रदर्शनकारी श्रमिकों को राज निवास की ओर बढ़ने से रोक दिया।
यूनियन ने अकुशल श्रमिकों के लिए दैनिक मुआवजा दर को बढ़ाकर 783 रुपये, कुशल श्रमिकों के लिए 868 रुपये तथा उच्च कुशल श्रमिकों के लिए 954 रुपये करने की मांग की।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)