चंडीगढ़, दो मई कांग्रेस के पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश चौधरी ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर प्रदेश इकाई के पूर्व प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने यह मांग सिद्धू के खुद को पार्टी से ऊपर दिखाने की कोशिश करने को लेकर की है।
तेईस अप्रैल की तिथि वाला पत्र सोमवार को सामने आया। इस पत्र के साथ चौधरी ने सिद्धू की ‘‘वर्तमान गतिविधियों’’ के बारे में पार्टी की पंजाब इकाई के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग का एक विस्तृत नोट भी भेजा है।
चौधरी ने पत्र में लिखा है कि सिद्धू ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की लगातार आलोचना की, जबकि उन्हें ऐसा करने से मना किया गया था। उन्होंने कहा, ‘‘अध्यक्ष महोदया, सिद्धू को स्वयं को पार्टी से ऊपर दिखाने और पार्टी अनुशासन भंग करने के संबंध में दूसरों के लिये उदाहरण बनने की अनुमति नहीं दी जा सकती।’’
चौधरी ने लिखा, ‘‘इसलिए, यह सिफारिश की जाती है कि श्री सिद्धू से इसको लेकर स्पष्टीकरण मांगा जाना चाहिए कि उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों न शुरू की जाए।’’
चौधरी ने कहा कि नवंबर से अब तक पंजाब में पार्टी मामलों का प्रभारी होने के नाते, उन्होंने देखा है कि सिद्धू ने ‘‘कांग्रेस सरकार के कामकाज की लगातार आलोचना करते हुए इसे भ्रष्ट बताया और शिरोमणि अकाली दल के साथ उसकी मिलीभगत होने का आरोप लगाया।’’
चौधरी ने लिखा, ‘‘चूंकि पार्टी चुनाव लड़ रही थी, सिद्धू के लिए ऐसी मिसाल कायम करना अनुचित था। श्री सिद्धू को इस तरह की गतिविधियों से बचने की मेरी बार-बार की सलाह के बावजूद, उन्होंने सरकार के खिलाफ लगातार बोलना जारी रखा।’’
चौधरी ने वडिंग के राज्य इकाई के प्रमुख का पदभार ग्रहण करने की घटना का भी उल्लेख किया, जिसमें सिद्धू पार्टी कार्यालय आए लेकिन पार्टी के अन्य नेताओं के साथ मंच साझा नहीं किया।
चौधरी ने कहा, "मैं इस पत्र के साथ सिद्धू की वर्तमान गतिविधियों के संबंध में राजा वडिंग का विस्तृत नोट भी भेज रहा हूं। श्री राजा वडिंग के पदभार ग्रहण करने के दौरान का उनका कृत्य भी अक्षम्य है।’’
चौधरी ने कहा, ‘‘श्री सिद्धू बस मिले और मौजूदा पीसीसी अध्यक्ष को शुभकामनाएं दीं और कार्यक्रम स्थल से जल्द ही चले गए, जबकि पूरे प्रदेश नेतृत्व ने समारोह में भाग लिया और कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं के सामने एकजुट चेहरा पेश किया।’’
इस बीच, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने सोमवार को पत्र पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि सभी को अनुशासन में रहना होगा। उन्होंने कहा कि अगर किसी को लगता है, चाहे वह राजा वडिंग हों, कि वह कांग्रेस पार्टी से ऊपर हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
सिद्धू ने पूर्व में कहा था कि राज्य में माफिया राज के कारण कांग्रेस पंजाब चुनाव हार गई और अब उसे खुद को फिर से स्थापित करने की जरूरत है। राज्य विधानसभा चुनावों में हार के बाद कांग्रेस ने सिद्धू के स्थान पर वडिंग को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया था।
चुनाव से कुछ महीने पहले तक सिद्धू तत्कालीन मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के नेतृत्व पर सवाल उठाते रहे थे। उन्होंने चरणजीत सिंह चन्नी पर भी निशाना साधा, जिन्होंने चुनाव से पहले मुख्यमंत्री का पद संभाला था।
आप पंजाब विधानसभा की 117 में से 92 सीट जीतकर सत्ता में आई है, जबकि कांग्रेस को सिर्फ 18 सीट मिली है।
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