नयी दिल्ली, 24 अप्रैल कांग्रेस ने राजस्व बढ़ाने के लिए जीएसटी व्यवस्था के तहत कर दरों को युक्तिसंगत बनाने के कथित प्रस्ताव को लेकर रविवार को केंद्र पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि सरकार लोगों, विशेषकर मध्यम वर्ग के प्रति ''छलपूर्वक, संदिग्ध और असहमतिपूर्ण'' तरीके से काम कर रही है।
कांग्रेस का यह बयान मीडिया में आई एक खबर के सिलसिले में आया है, जिसमें कहा गया है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संबंधी मुद्दों पर निर्णय करने वाली सर्वोच्च इकाई जीएसटी परिषद ने 143 सामानों पर कर की दरें बढ़ाने को लेकर राज्यों से राय नहीं मांगी है।
खबर में कहा गया है कि इन 143 में से 92 प्रतिशत वस्तुओं को 18 प्रतिशत की दर वाले मद से उठाकर सर्वाधिक 28 प्रतिशत वाले मद में डालने जाने का प्रस्ताव है।
इस मुद्दे पर सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ऐसा कुछ करने से आम आदमी पर प्रभाव पड़ेगा, जो पहले से ही परेशान है। साथ ही यह मध्यम वर्ग को भी प्रभावित करेगा, जिसे हर कोई बार बार भूल जाता है।
सिंघवी ने कहा, "143 वस्तुओं की इस सूची में 92 प्रतिशत वस्तुएं गुड़, 'पापड़', हैंडबैग, सूटकेस, 32 इंच से कम आकार के रंगीन टीवी सेट, अखरोट, च्युइंग गम, चॉकलेट और कस्टर्ड पाउडर आदि हैं। मुझे इस पागलपन का कोई तुक नजर नहीं आता। मुझे इन वस्तुओं को उच्च कर वाले मद में डालने का कोई तर्क नहीं दिखता।''
सिंघवी ने कहा, "आपको इन मुद्दों को प्रासंगिक रूप से देखना होगा, आपको उम्मीद है कि कोविड के अंत की ओर है, लेकिन आप अब भी कोविड से लड़ रहे हैं। आप कोविड को नहीं भूल सकते ... आपने उन्हें (लोगों को) 14.5 प्रतिशत वीपीआई (थोक महंगाई दर) की दर से मारा है। आपने उनपर 7.5 प्रतिशत खुदरा महंगाई दर का बोझ डाला है। अब आप 120-125 वस्तुओं को जीएसटी के 28 प्रतिशत के मद में डालने का प्रस्ताव रखकर उन्हें एक और चोट पहुंचाने जा रहे हैं।''
उन्होंने आरोप लगाया कि यह सरकार "विश्वासघाती, दिशाहीन और भयावह" है। यह "धोखा देने वाली, संदिग्ध और असहमतिपूर्ण तरीके से काम करने वाली" सरकार है।
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