देश की खबरें | बिहार में कांग्रेस 23 जून को राहुल गांधी का ऐतिहासिक स्वागत करेगी

पटना, 18 जून बिहार में कांग्रेस इस सप्ताह के अंत में राहुल गांधी के राज्य के दौरे पर उनका ‘‘ऐतिहासिक’’ स्वागत करेगी। यह बात पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने रविवार को कही।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि राहुल गांधी के साथ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और संगठन के प्रभारी महासचिव के सी वेणुगोपाल होंगे तथा वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बुलाई गई विपक्षी नेताओं की बैठक में भाग लेने से पहले बिहार प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में रुकेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘हवाई अड्डे से गांधी सीधे सदाकत आश्रम जाएंगे और पूरे मार्ग में उनका ऐतिहासिक स्वागत किया जाएगा। यह हमारे लिए एक विशेष अवसर है क्योंकि वह अपनी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के बाद पहली बार बिहार का दौरा कर रहे हैं।’’ प्रदेश कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि राहुल सदाकत आश्रम में लगभग एक घंटा बिताएंगे, जहां इस अवसर के लिए "70,000 वर्ग फुट में फैला एक विशाल मंडप" लगाया जा रहा है।

उन्होंने कहा, "वह पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे और अपने प्रेरक शब्दों से हमें सम्मानित करने के बाद खरगे और वेणुगोपाल के साथ बैठक के लिए रवाना होंगे।’’

बैठक के स्थान के बारे में पत्रकारों के एक प्रश्न पर, जिसकी घोषणा अभी तक नहीं की गई है, कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘यह एक ऐसा प्रश्न है जिसे मुख्यमंत्री से पूछा जाना चाहिए। हालांकि मेरी जानकारी के अनुसार, यह उनके आधिकारिक आवास पर आयोजित की जाएगी।"

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी के अपने राज्य में कांग्रेस और माकपा के बीच संभावित गठजोड़ को लेकर असहजता के बारे में खबरों के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा, ‘‘छोटी-छोटी बातों की चिंता न करें। 23 जून के बाद परिदृश्य बदल जाएगा।’’

ममता बनर्जी के साथ भाकपा महासचिव सीताराम येचुरी भी बैठक में हिस्सा लेने वाले नेताओं में शामिल हैं, जिनकी पार्टी को बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में सत्ता से बेदखल कर दिया था। पटना में भाजपा के विरोध में सभी नेताओं की बैठक आयोजित करने का नीतीश को सुझाव सबसे पहले बनर्जी ने तब दिया था, जब कुछ महीने पहले नीतीश कोलकाता में उनसे मिले थे।

प्रदेश कांग्रेस के नेता ने इस सवाल को भी टाल दिया कि क्या बैठक में विपक्षी खेमे के लिए प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार का फैसला होगा। उन्होंने कहा, ‘‘मैं संप्रग सरकार में मंत्री था। गठबंधन ने कभी भी मनमोहन सिंह को चुनाव में अपना चेहरा घोषित नहीं किया। हम अलग तरह से काम करते हैं।’’

उन्होंने यह भी कहा, "ये ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर, जहां तक कांग्रेस का सवाल है, केवल आलाकमान ही फैसला कर सकता है।’’

कांग्रेस नेता ने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में दावा किया कि विपक्ष की बैठक के बाद राज्य मंत्रिमंडल का विस्तार होगा और "हमारी पार्टी से दो तथा राजद से भी इतने ही मंत्रियों को शामिल किया जाएगा।"

तीस सदस्यीय राज्य मंत्रिमंडल में कांग्रेस के दो सदस्य हैं। हालाँकि, राजद के पास उपमुख्यमंत्री के अलावा 14 मंत्रियों के साथ मंत्रिमंडल में एक बड़ा हिस्सा है लेकिन कैबिनेट से उसके नेताओं के इस्तीफे के बाद से दो मंत्री पद खाली हैं। हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सुमन के हालिया इस्तीफे से उत्पन्न एक और रिक्ति को जद (यू) के रत्नेश सदा को मंत्री बनाकर भर दिया गया है। राज्य के सत्तारूढ़ महागठबंधन में भाकपा माले, भाकपा और माकपा भी शामिल हैं, जो सभी सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे हैं।

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