गुवाहाटी, 13 अक्टूबर : असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा है कि इजराइल और हमास के बीच संघर्ष को लेकर फलस्तीन के समर्थन में प्रस्ताव पारित करने वाली कांग्रेस को अफगानिस्तान और पाकिस्तान में गठबंधन सरकार बनानी चाहिए.
मुख्यमंत्री ने बृहस्पतिवार रात जोरहाट में संवाददाताओं से कहा कि फलस्तीन के बारे में बोलने से पहले कांग्रेस को इजराइल पर हमास के आतंकवादी हमले की निंदा करनी चाहिए थी. शर्मा ने कहा, ‘‘उन्हें महिलाओं और बच्चों को बंधक बनाने के लिए हमास की आलोचना करनी चाहिए थी, फिर फलस्तीन के बारे में बात करनी चाहिए थी.’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के प्रस्ताव में आतंकवाद, हमास, बंधक महिलाओं और बच्चों का कोई उल्लेख नहीं है, बल्कि केवल फलस्तीन का उल्लेख है, जो पाकिस्तान के बयान के समान है. उन्होंने विपक्षी दल पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘अगर आप मुझसे पूछें तो कांग्रेस को अफगानिस्तान में तालिबान के साथ या पाकिस्तान में इमरान खान अथवा शाहबाज शरीफ के साथ गठबंधन में अपनी अगली सरकार बनानी चाहिए.’’
मुख्यमंत्री ने इजराइल-हमास संघर्ष पर कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) के प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस की आलोचना की थी और विपक्षी दल के बयान को पाकिस्तान और तालिबान के रुख के बराबर बताया था. शर्मा ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा था कि कांग्रेस, पाकिस्तान और तालिबान हमास की ‘‘निन्दा नहीं करते’’ या इजराइल पर आतंकवादी हमले की निंदा नहीं करते हैं तथा महिलाओं और बच्चों को बंधक बनाए जाने पर चुप हैं.
शर्मा ने आरोप लगाया था कि तुष्टीकरण की राजनीति के लिए देश के हित की बलि देना कांग्रेस के ‘डीएनए’ में है. इजराइली शहरों पर हमास के हमलों पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बृहस्पतिवार को कहा था कि भारत इन्हें आतंकवादी हमला मानता है.
फलस्तीन मुद्दे पर भारत के रुख को लेकर एक सवाल पर बागची ने कहा कि भारत ने हमेशा इजराइल के साथ सुरक्षित और मान्यता प्राप्त सीमाओं के अंदर एक संप्रभु, स्वतंत्र और व्यवहार्य फलस्तीन की स्थापना के लिए सीधी वार्ता की बहाली और इसके साथ-साथ इजराइल के साथ शांतिपूर्ण संबंध की वकालत की है.
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