पुणे, 6 मार्च : कांग्रेस और राकांपा ने महाराष्ट्र के पुणे में रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जो यहां विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और अनावरण करने के लिए आये थे. मोदी के यहां पहुंचने से पहले, स्थानीय कांग्रेस और राकांपा नेता सुबह अलका टॉकीज चौक के पास और शहर के अन्य इलाकों में काले झंडे और तख्तियां लिए सड़कों पर उतर आए, जिन पर 'मोदी वापस जाओ' लिखा हुआ था. पुणे शहर कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष रमेश बागवे ने दावा किया कि मोदी ने संसद में यह कहकर महाराष्ट्र का "अपमान" किया था कि राज्य ने अन्य राज्यों में कोविड-19 के प्रसार को बढ़ावा दिया.
उन्होंने कहा, ‘‘हम प्रधानमंत्री मोदी से माफी की मांग करते हैं, नहीं तो उन्हें वापस चले जाना चाहिए.’’उन्होंने दावा किया कि मोदी ‘‘अधूरी परियोजनाओं का उद्घाटन कर रहे हैं और पुणे के लोगों को धोखा दे रहे हैं.’’ विशेष रूप से, राकांपा प्रमुख शरद पवार ने भी शनिवार को कहा था कि प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन की जाने वाली मेट्रो रेल सेवा का काम अधूरा है. उन्होंने युद्ध प्रभावित यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को बचाने पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता को रेखांकित किया था. रविवार को स्थानीय राकांपा नेताओं ने भी काले कपड़े पहनकर शहर के कुछ हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया. यह भी पढ़ें : कर्नाटक की पुडुचेरी पर बड़ी जीत, ग्रुप सी में शीर्ष पर रहा
पुणे राकांपा अध्यक्ष प्रशांत जगताप ने कहा कि मोदी मेट्रो रेल परियोजना का उद्घाटन कर रहे हैं जो अधूरी है. उन्होंने कहा, ‘‘ जब भारतीय छात्रों को युद्धग्रस्त यूक्रेन से बचाया जाना था तो प्रधानमंत्री मोदी चुनाव प्रचार (अन्य चुनावी राज्यों में) में व्यस्त थे . वहीं अन्य देशों ने पिछले एक-डेढ़ महीने में चरणबद्ध तरीके से अपने नागरिकों को यूक्रेन से निकाला. जगताप ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की हालिया टिप्पणी का भी विरोध किया कि समर्थ रामदास मराठा योद्धा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज के गुरु थे. रविवार को यहां विभिन्न परियोजनाओं के उद्घाटन के दौरान राज्यपाल कोश्यारी भी प्रधानमंत्री मोदी के साथ मौजूद थे.