वायनाड (केरल), नौ जनवरी कांग्रेस विधायक आई.सी. बालाकृष्णन, वायनाड जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष एन.डी. अप्पाचन और दो अन्य के खिलाफ पार्टी की वायनाड इकाई के पदाधिकारी एन.एम. विजयन को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि वायनाड जिला कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष विजयन और उनके बेटे की मौत के संबंध में दर्ज प्राथमिकी में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा जोड़ी गई है।
अधिकारी ने यह भी पुष्टि की कि बालाकृष्णन, अप्पाचन और दो अन्य को मामले में आरोपी बनाया गया है जिनके नाम विजयन के सुसाइड नोट में थे।
अधिकारी ने कहा, ‘‘विजयन के सुसाइड नोट के आधार पर कार्रवाई की गई है।’’
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अप्पाचन ने यहां संवाददाताओं से कहा कि विजयन ने उन्हें कभी नहीं बताया कि क्या हो रहा है और अब उन्हें मामले में फंसाया जा रहा है क्योंकि सुसाइड नोट में उनका नाम है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कभी किसी से रुपये नहीं लिए। मेरे पास कोई ज्यादा संपत्ति नहीं है। मैंने ईमानदारी से जीवन यापन किया है। मैं कानूनी तौर पर मामले का सामना करूंगा। मेरे पास दूसरा कोई विकल्प नहीं है।’’
अप्पाचन ने यह भी कहा कि पार्टी विजयन के परिवार के साथ है।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वी.डी. सतीशन ने कहा कि कानून अपना काम कर सकता है और पार्टी इसके खिलाफ नहीं है।
तिरुवनंतपुरम में संवाददाताओं से उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन, पार्टी भी आंतरिक जांच करेगी। यह हमारा अधिकार है। हमें यह जानना ही होगा कि वास्तव में क्या हुआ और क्या आरोप सही हैं। पार्टी की जांच के आधार पर निर्णय लिया जाएगा।’’
सतीशन ने कहा, ‘‘इसका पुलिस जांच से कोई लेना-देना नहीं है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और इसलिए कानून को अपना काम करने दें। हमने प्राथमिकी दर्ज किए जाने के खिलाफ कुछ नहीं कहा है।’’
उन्होंने दावा किया कि जब मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) में ऐसे मामले सामने आते हैं, तो केवल आंतरिक जांच की जाती है और कोई पुलिस जांच नहीं होती।
सतीशन ने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से विजयन को जानते थे, लेकिन विजयन ने जिन बातों का जिक्र अपने सुसाइड नोट में किया, उस बारे में कभी उन्हें नहीं बताया।
उन्होंने कहा, ‘‘यहां तक कि केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के प्रमुख के. सुधाकरन को भी इस बारे में जानकारी नहीं थी। अगर हमें पता होता तो हम तुरंत हस्तक्षेप करते।’’
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पार्टी केवल विजयन के परिवार की मदद के बारे में सोच रही है।
इस बीच, माकपा ने दावा किया कि विजयन और उनके बेटे ने जिस परेशानी के कारण यह कदम उठाया, उसके बारे में कांग्रेस जानती थी।
माकपा के प्रदेश सचिव एम.वी. गोविंदन ने तिरुवनंतपुरम में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मामले की उचित जांच जरूरी है और राज्य के लोग यही चाहते हैं।’’
उन्होंने यह भी दावा किया कि सुधाकरन और सतीशन ने विजयन की मौत के बाद उनके परिवार को अपमानित किया।
विजयन और उनके बेटे जिजेश (38) को आत्महत्या के प्रयास के बाद कोझिकोड सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां 27 दिसंबर 2024 को उनकी मौत हो गई।
इस घटना के बाद राज्य की राजनीति में तूफान खड़ा हो गया। सत्तारूढ़ माकपा ने आरोप लगाया है कि बालाकृष्णन की संलिप्तता वाले सहकारी बैंक संबंधी रोजगार घोटाले के कारण दोनों ने यह कदम उठाया।
ऐसे आरोप हैं कि कथित रूप से बालाकृष्णन के कहने पर विजयन ने पार्टी पदाधिकारी के तौर पर कांग्रेस नियंत्रित सहकारी बैंक में नौकरी की इच्छा रखने वाले लोगों से रिश्वत ली थी।
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