देश की खबरें | कांग्रेस का घोषणा पत्र मुस्लिम लीग के (घोषणा पत्र के) ‘नए वर्जन’ की तरह : योगी

गोरखपुर (उप्र), आठ मई उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र को न्याय पत्र कहा जाना अपने आप में हास्यास्पद है क्योंकि विपक्षी दल का यह घोषणा पत्र मुस्लिम लीग के (घोषणा पत्र के) 'नए वर्जन' की तरह है।

आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ''कांग्रेस द्वारा अपने घोषणा पत्र को न्याय पत्र कहा जाना अपने आप में हास्यास्पद है। वास्तव में यह अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ी जातियों के प्रति और भारत की सनातन आस्था के प्रति अन्याय पत्र है।''

उन्होंने कहा, ''कांग्रेस का घोषणा पत्र मुस्लिम लीग के (घोषणा पत्र के) नए वर्जन (स्वरूप) के जैसा है। देश के सबसे पुराने राजनीतिक दल का घोषणा पत्र मुस्लिम लीग का प्रतिनिधित्व करता हो, इससे ज्यादा शर्मनाक और कुछ और नहीं हो सकता।''

मुख्यमंत्री ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा भाजपा पर नफरत की राजनीति को बढ़ावा देने का आरोप लगाए जाने के सवाल पर तल्ख अंदाज में कहा, ''सफेद झूठ बोलने के बजाय कम से कम सोनिया गांधी को तो सच बोलने की आदत डालनी चाहिए। यह हर व्यक्ति जानता है कि बांटों और राज करो की नीति कांग्रेस को विरासत में प्राप्त हुई है। अंग्रेजों की कुटिल चाल को 1947 में कांग्रेस ने सफल होने दिया और देश का बंटवारा किया।''

आदित्यनाथ ने कहा, ''संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की अध्यक्ष के रूप में सोनिया गांधी ने 2004 से लेकर 2014 के बीच में क्या किया, यह कौन नहीं जानता। उस समय क्या यह सच नहीं कि ओबीसी के आरक्षण पर सेंधमारी लगाने के लिए जस्टिस रंगनाथ मिश्रा की कमेटी इन्होंने गठित की थी, और कमेटी ने संस्तुति की थी कि अन्य पिछड़े वर्गों के आरक्षण में से छह प्रतिशत आरक्षण मुसलमानों को दे दिया जाय।''

उन्होंने कहा, ''भाजपा और एनडीए ने उस समय विरोध किया था और कांग्रेस के मंसूबे पूरे नहीं हो पाए। यही नहीं, एससी-एसटी के अधिकारों पर भी कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने घुसपैठ करने का प्रयास किया था।

सच्चर कमेटी की रिपोर्ट में मुसलमानों की कुछ जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का प्रयास भी कांग्रेस सरकार के समय में हुआ था मगर भाजपा के विरोध से कांग्रेस के मंसूबे पूरे नहीं हो पाए।''

मुख्यमंत्री ने कहा, ''देश को जाति, , क्षेत्र के आधार पर बांटने की कुचेष्टा कांग्रेस ने की थी। अपने घोषणा पत्र में कांग्रेस ने जिस प्रकार की बातों का उल्लेख किया है, यह भारत की सनातन आस्था पर प्रहार तो है ही, समाज में वर्ग संघर्ष की स्थिति को पैदा करने वाला है। कांग्रेस की मंशा भारत की जनता कभी पूरा नहीं होने देगी क्योंकि विभाजनकारी राजनीति किसी के हित में नहीं है।''

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