Karnataka: कर्नाटक का अगला CM कौन? सिद्धारमैया या डीके शिवकुमार, कांग्रेस विधायक दल की बैठक में आज हो सकता है फैसला
कर्नाटक में नवनिर्वाचित कांग्रेस के विधायक सरकार गठन पर चर्चा करने के लिए आज शाम यहां बैठक करेंगे, जिसमें वे मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर अपनी राय देंगे.
बेंगलुरु, 14 मई: कर्नाटक में नवनिर्वाचित कांग्रेस के विधायक सरकार गठन पर चर्चा करने के लिए आज शाम यहां बैठक करेंगे, जिसमें वे मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर अपनी राय देंगे. निवर्तमान विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्दरमैया और कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष डी के शिवकुमार मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदार हैं. यह भी पढ़ें : BJP Big Face Who Lost Elections: कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस की बड़ी जीत, एंटी-इनकम्बेंसी के चलते स्पीकर समेत BJP के 11 मंत्री चुनाव हारे
राज्य में 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए 10 मई को हुए चुनाव में कांग्रेस ने शानदार जीत हासिल करते हुए 135 सीट जीतीं जबकि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा नीत जनता दल (सेक्यूलर) ने क्रमश: 66 और 19 सीट जीतीं. कांग्रेस विधायक दल की बैठक रविवार शाम साढ़े पांच बजे शुरू होने की संभावना है और नवनिर्वाचित विधायकों को पहले ही बेंगलुरु आने का निर्देश दे दिया गया है.
आठ बार के विधायक शिवकुमार और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने मुख्यमंत्री बनने की अपनी इच्छा सार्वजनिक रूप से जाहिर की है. कांग्रेस ने खासतौर से सिद्दरमैया और शिवकुमार के खेमों के बीच गुटबाजी को दूर रखने की चुनौती के साथ चुनाव प्रचार अभियान में प्रवेश किया था.
अब अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) के हाथ में सभी धड़ों को एक साथ लेकर विधायक दल के नेता का चयन करने की प्रक्रिया पूरी करने का जिम्मा है. सिद्दरमैया और शिवकुमार के आवास पर समर्थकों ने बैनर लगाए हैं जिसमें उन्हें कांग्रेस की जीत के लिए बधाई दी गयी है और उन्हें ‘‘अगला मुख्यमंत्री’’ बताया गया है.
शिवकुमार (60) को पार्टी के लिए ‘‘संकटमोचक’’ माना जाता है जबकि सिद्दरमैया का पूरे कर्नाटक में प्रभाव है. अगर जद(एस) से निलंबित होने के बाद कांग्रेस में शामिल होने वाले सिद्दरमैया को विधायक दल का नेता चुना जाता है तो यह मुख्यमंत्री के तौर पर उनका दूसरा कार्यकाल होगा. वह
2013-18 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे थे. शिवकुमार उनके मंत्रिमंडल में मंत्री रहे थे. पार्टी के सूत्रों के अनुसार, नव निर्वाचित विधायकों की राय ली जाएगी और उसके आधार पर उन्हें जरूरत पड़ने पर अपने नेता के लिए वोट करने को भी कहा जा सकता है.
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