कांग्रेस नेता ने की राजोआना की मौत की सज़ा को उम्रकैद में बदलने की मांग

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड के दोषी को रिहा नहीं करने के लिए अपने पार्टी सहयोगी द्वारा सरकार से अनुरोध किए जाने के एक दिन बाद कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने बुधवार को कहा कि उनकी मौत की सजा को उम्रकैद में बदला जाना चाहिए.

कांग्रेस (Photo Credits: Wikimedia Commons)

नयी दिल्ली, 20 अप्रैल : पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड (Beant Singh Murder) के दोषी को रिहा नहीं करने के लिए अपने पार्टी सहयोगी द्वारा सरकार से अनुरोध किए जाने के एक दिन बाद कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने बुधवार को कहा कि उनकी मौत की सजा को उम्रकैद में बदला जाना चाहिए. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बलवंत सिंह राजोआना 26 साल से जेल में हैं, और यह उनकी सजा को कम करने और धारा 432 सीआरपीसी (सजा को निलंबित या हटाने की शक्ति) के तहत रिहा करने का समय है. तिवारी ने ट्वीट कर लिखा, ''सीआरपीसी की धारा 432 के तहत उन्हें जेल से रिहा करें. कैद को आपराधिक न्यायशास्त्र के सुधार पर आधारित होना चाहिए, न कि प्रतिशोध पर.''

मंगलवार को कांग्रेस सांसद और बेअंत सिंह के पोते रवनीत सिंह बिट्टू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल द्वारा राजोआना की शीघ्र रिहाई की मांग का मुद्दा उठाया था और कहा था कि उन्हें क्षमादान देने से ''एक बहुत ही गलत संदेश जाएगा और देश के दुश्मन को मजबूती मिलेगी.'' तिवारी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ''आतंक के शिकार होने के नाते मैं अपने सहयोगी रवनीत बिट्टू की पीड़ा को समझता हूं, लेकिन एक वकील और पंजाब के सांसद के रूप में यह मेरा विचार है कि एस बलवंत सिंह राजोआना 26 साल जेल में रहे हैं . अब उनकी मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया जाए और धारा 432 सीआरपीसी के तहत आदेश पारित कर उन्हें रिहा कर दिया जाए. यह भी पढ़ें : Delhi: जहांगीरपुरी में कार्रवाई पर भड़की सपा, कहा- भाजपा द्वारा नियंत्रित मीडिया को हिंदू मुस्लिम की यह एकता बर्दाश्त नहीं

इससे पहले शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने मांग की थी कि 2007 से मौत की सजा काट रहे राजोआना को अनुकंपा के आधार पर रिहा किया जाए. बादल ने प्रधानमंत्री से उनकी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए इस मामले में हस्तक्षेप करने का भी आग्रह किया था. गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से पंजाब में राजनीतिक दल राजोआना की रिहाई के मुद्दे पर बहस कर रहे हैं.

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