गुवाहाटी, 11 नवंबर असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शनिवार को तेलंगाना में विधानसभा चुनाव से पहले 'अल्पसंख्यक घोषणापत्र' जारी करने के लिए कांग्रेस पर निशाना साधा और दावा किया कि पार्टी ‘‘मोहम्मद अली जिन्ना की मुस्लिम लीग के सपने को पूरा कर रही है’’।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता शर्मा ने नाम लिये बगैर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर इशारा करते हुए आरोप लगाया कि जिन लोगों ने ‘‘गांधी उपनाम लगा रखा है, उन्होंने जिन्ना की नीतियों को पुनर्जीवित किया है’’।
बृहस्पतिवार को जारी कांग्रेस के अल्पसंख्यक घोषणापत्र में कहा गया है कि अगर पार्टी तेलंगाना में सत्ता में आती है, तो वह नौकरियों, शिक्षा और सरकारी योजनाओं में अल्पसंख्यकों सहित सभी पिछड़े वर्गों के लिए उचित आरक्षण सुनिश्चित करेगी।
शर्मा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, “अपने लंबे राजनीतिक करियर में मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि कांग्रेस एक धर्म के वोट बैंक पर कब्जा करने की कोशिश में इतना नीचे गिर जाएगी। धर्म विशिष्ट घोषणापत्र लाकर कांग्रेस मोहम्मद अली जिन्ना की मुस्लिम लीग के सपने को पूरा कर रही है।''
तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के ‘अल्पसंख्यक घोषणापत्र’ की एक तस्वीर साझा करते हुए, शर्मा ने कहा कि सभी ‘भारतीयों’ को कांग्रेस से सवाल करना चाहिए कि क्या ‘जितनी आबादी उतना हक’ का नारा मुसलमानों के लिए अवैध आरक्षण वापस लाने के वास्ते एक ढकोसला है?
बिहार सरकार द्वारा कराए गए जातिगत सर्वेक्षण की सराहना करते हुए, गांधी ने दो अक्टूबर को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में 'जितनी आबादी उतना हक' वाक्यांश का इस्तेमाल किया था।
शर्मा ने यह भी पूछा कि क्या करदाताओं के पैसे का इस्तेमाल ‘मुल्लाओं को वेतन देने और अन्य विभाजनकारी योजनाओं को निधि देने’ के लिए किया जाना चाहिए।
कांग्रेस ने कहा है कि अगर 30 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में वह तेलंगाना में सत्ता में आती है, तो वह छह महीने के भीतर जातिगत जनगणना कराने के अलावा, अल्पसंख्यक कल्याण के लिए बजट को बढ़ाकर सालाना 4,000 करोड़ रुपये करेगी। पार्टी ने बेरोजगार अल्पसंख्यक युवाओं और महिलाओं को रियायती ऋण उपलब्ध कराने के लिए प्रति वर्ष 1,000 करोड़ रुपये देने का भी वादा किया।
शर्मा ने कहा कि महात्मा गांधी ने मोहम्मद अली जिन्ना समर्थित अलग निर्वाचन प्रणाली के खिलाफ लड़ाई में अपना जीवन बिता दिया था।
शर्मा ने कहा, “और अब जिन लोगों ने गांधी उपनाम लगा रखा है, उन्होंने जिन्ना की नीतियों को पुनर्जीवित कर दिया है। हमारे स्वतंत्रता सेनानी का यह अपमान न तो माफ किया जाएगा और न ही भुलाया जाएगा।''
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