जयपुर, एक फरवरी राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश में बेहतर विकल्प देने की स्थिति में है और सपा-बसपा की सरकारों को पहले भी जनता देख/आजमा चुकी है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर हाल ही में कांग्रेस के समर्थन में चुनावी दौरे से लौटे सचिन पायलट ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में महिलाओं, किसानों और युवाओं पर ध्यान केंद्रित किया है। मुझे लगता है कि कांग्रेस बेहतर विकल्प देने की स्थिति में है। जनता सपा-बसपा कि सरकारों को पहले भी देख चुकी है। परिणाम 10 मार्च को आयेंगे और मुझे लगता है कि कांग्रेस की स्थिति बहुत बेहतर रहेगी और जनता उसे मौका जरूर देगी।’’
संसद में आज पेश केन्द्रीय बजट पर पायलट ने कहा, ‘‘बजट ‘स्टेटमेंट ऑफ अकाउंट’ होता है... जिसे आप कैसे भी पढ़ सकते हैं, लेकिन जो मंशा है जो इसका फोकस है वह मुझे मिसप्लेस्ड लगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘केन्द्र सरकार के कार्यकाल के तीन साल बचे हुए हैं। वह चाहती तो इस बुरी स्थिति में लोगों को राहत देने काम करती और यह (बजट) पॉलिसी स्टेटमेंट होता। इसमें सिर्फ आप (सरकार) आंकड़े पढ़ कर सुना दे, तो वह नाकाफी है।’’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मुझे लगा नहीं कि सरकार की मंशा जख्म पर मरहम लगाने या बेरोजगारी पर कुछ ऐसा कदम उठाने की थी, जिससे लोगों को कुछ उम्मीद जगे। ऐसा कुछ भी बजट में दिखाई नहीं दिया।’’
पायलट ने कहा कि संसद में प्रस्तुत आम बजट आम आदमी के लिए पूरी तरह से निराशाजनक है। उन्होंने कहा, ‘‘महंगाई सहित-रोजगार रहित’’ इस बजट और जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) से देश का युवा हताश और निराश हुआ है क्योंकि जीडीपी का अधिकतर हिस्सा पूंजीपतियों की जेब में जा रहा है।
उन्होंने कहा कि गरीबों, युवाओं और बेरोजगारों के लिए बजट में एक शब्द भी नहीं बोला गया। ‘आजादी के अमृतकाल’ के नाम से 25 वर्षों का विजन पेश किया गया है, जबकि इस कार्यकाल के 3 वर्षों सहित पिछले 7 साल की घोषणाओं का कोई हिसाब प्रस्तुत नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने सत्ता में आने पर 5 वर्षीय योजना को समाप्त कर दिया और अब 25 वर्षों का विजन दे रही है।
उन्होंने कहा कि एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर खरीद की गारंटी की घोषणा नहीं होने से किसानों में भारी निराशा है और यह 700 किसानों के बलिदान का अपमान है।
उन्होंने कहा कि बजट में कृषि के लिए कोई ठोस घोषणा नहीं है। पिछले साल एमएसपी खरीद पर 2.42 लाख करोड़ खर्च हुए जबकि इस साल 2.37 लाख करोड़ का प्रावधान किया गया है।
पायलट ने कहा कि चीन से खतरे को देखते हुए, रक्षा खर्च में कमी करना और 2014 की तुलना में इसका जीडीपी के 2.6 प्रतिशत से घटकर 2.2 प्रतिशत रह जाना बहुत ही चिंताजनक है। सवा लाख पदों को खाली रखकर सरकार देश की सुरक्षा से समझौता कर रही है।
उन्होंने कहा कि 2 करोड़ रोजगार प्रतिवर्ष देने का वादा करने वाली सरकार ने बजट भाषण में 15 लाख नौकरी देने की सूचना दी है और अगले 5 साल में 60 लाख नई नौकरी का वादा किया है। सरकार की युवाओं और बेरोजगारों के साथ इससे बड़ी वादाखिलाफी हो नहीं सकती।
रीट परीक्षा पर्चा लीक मामले से जुडे सवाल का जवाब देते हुए पायलट ने कहा कि यह बेरोजगार और युवाओं से जुड़ा गंभीर मामला है।
उन्होंने कहा, ‘‘26 लाख लोग परीक्षा में शामिल हुए थे और 26 लाख परिवार मतलब करीब 1.25 करोड़ लोग इससे सीधे-सीधे प्रभावित हुए हैं। अब जब गड़बड़ियां सामने आयी है तो सरकार ने बर्खास्तगी भी की है.. कड़े कदम उठाये हैं। जांच का आदेश दिया है... मुझे लगता है कि सरकार तुरंत कार्यवाही करेगी और समयबद्ध तरीके से चाहे एसओजी जांच हो... कोई जांच हो लेकिन जांच ईमानदारी हो... समयबद्ध तरीके से पूर्ण की जाये।’’
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