देश की खबरें | पंजाब में कांग्रेस सरकार कोविड-19 महामारी से निपटने के प्रबंध में विफल: बीकेयू (एकता उग्राहन)
Corona

पटियाला, 29 मई भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहन) ने शनिवार को पंजाब में कांग्रेस सरकार पर कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए आवश्यक प्रबंध करने में "विफल" होने का आरोप लगाया और मांग की कि वह मरीजों से अधिक शुल्क लेने के आरोपी सभी निजी अस्पतालों को अपने नियंत्रण में ले ले।

पंजाब के सबसे बड़े किसान संघों में से एक, बीकेयू (एकता उग्राहन) ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के गृह निर्वाचन क्षेत्र पटियाला में राज्य सरकार की कोविड-19 महामारी से निपटने में कथित विफलता को लेकर तीन दिवसीय विरोध प्रदर्शन शुरू किया।

धरने के दूसरे दिन बीकेयू (एकता उग्राहन) के नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मियों, वेंटिलेटर, बिस्तर और ऑक्सीजन की कमी है।

बीकेयू (एकता उग्राहन) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां ने यहां किसानों को संबोधित करते हुए कहा, "पंजाब सरकार कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए जरूरी इंतजाम करने में बुरी तरह विफल रही है।"

उन्होंने राज्य सरकार से उन सभी निजी अस्पतालों को अपने नियंत्रण में लेने की मांग की, जिन पर मरीजों से अधिक शुल्क लेने का आरोप लगाया जा रहा है।

कोकरीकलां ने कहा, "स्वास्थ्य विभाग में नए कर्मचारियों की भी भर्ती की जानी चाहिए, जो मानवबल (कर्मचारियों) की भारी कमी का सामना कर रहा है।"

किसान नेता ने यह भी मांग की कि सरकार ग्रामीणों को मुफ्त में टीके उपलब्ध कराए और हर गांव और शहर में मुफ्त जांच की उचित व्यवस्था की जाए।

उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में टीकों के बारे में एक व्यापक जागरूकता कार्यक्रम भी चलाया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि किसान विरोध प्रदर्शन के दौरान कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन कर रहे हैं।

कोकरीकलां ने केंद्र और राज्य सरकारों पर कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के बारे में पहले से जानने के बावजूद पर्याप्त कदम नहीं उठाने का आरोप लगाया।

गौरतलब है कि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने पहले महामारी से प्रभावी ढंग से निपटने में राज्य सरकार की विफलता के आरोपों को खारिज कर दिया था।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)