रायपुर, 12 मई छत्तीसगढ़ में मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने राज्य सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया और धरना दिया।
छत्तीसगढ़ में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने मंगलवार को बताया कि पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने राज्य सरकार की वादाख़िलाफ़ी और कोरोना संकट के प्रति गंभीर लापरवाही के विरोध में अपने घरों के सामने दो घंटे का धरना दिया।
नेताओं ने बताया कि राज्य में सभी किसानों की कर्ज़ माफी, दो साल के बकाया बोनस का भुगतान, पिछले खरीफ सत्र में खरीदे गए धान के मूल्य की अंतर राशि का तत्काल भुगतान, शराबबंदी, युवाओं को बेरोजगारी भत्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और मितानिनों के मानदेय में बढ़ोत्तरी समेत अन्य मांगों को लेकर भाजपा ने धरना दिया है।
उन्होंने बताया कि राज्य के सभी कार्यकर्ताओं ने झंडे और बैनरों के साथ सामुदायिक दूरी का पालन करते हुए दो घंटे तक अपने घर के द्वार और बाहर चबूतरों पर राज्य सरकार के ख़िलाफ़ धरना दिया।
इस दौरान भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया है कि वादा पूरा करने के बजाय भूपेश बघेल सरकार पैसों के लालच में कोरोना महामारी जैसी विषम परिस्थिति में नियम कायदों को ताक पर रखकर आमजन के जीवन को खतरे में डालने से डर नहीं रही है। शराब दुकानों को खोलकर सामुदायिक दूरी को ही नष्ट कर कोरोना संक्रमण को आमंत्रित करने का कार्य राज्य सरकार कर रही है।
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि लॉकडाउन के चलते राज्य के लाखों श्रमिक आज हज़ारों किलोमीटर दूर विभिन्न प्रदेशों में दाने-दाने को तरस रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार ने उनकी मदद के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। इसी तरह शराबबंदी का वादा भूलकर राज्य सरकार कोरोना संकट की इस घड़ी में भी लॉकडाउन के बावजूद घर-घर शराब पहुंचाने का काम कर रही है।
वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी ने कहा कि राज्य सरकार अपने वादों पर क्रियान्वयन करती नहीं दिख रही है।
इससे पहले भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार को राज्यपाल अनुसुइया उईके को राज्य में पूर्ण शराब बंदी समेत पांच सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा था।
संजीव
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