देश की खबरें | पुलिस महानिदेशकों का सम्मेलन शुरू, नये आपराधिक कानून और आंतरिक सुरक्षा के मुद्दे एजेंडे में शामिल

जयपुर, पांच जनवरी साइबर अपराध और आतंकवाद निरोधक चुनौतियों जैसे आंतरिक सुरक्षा के मुद्दे, हाल ही में बनाये गये तीन नये आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन और अन्य मसलों पर चर्चा के लिए शुक्रवार को यहां पुलिस महानिदेशकों एवं पुलिस महानिरीक्षकों का तीन दिवसीय सम्मेलन शुरू हुआ। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी औपचारिक सत्र में देश के शीर्ष पुलिस अधिकारियों को संबोधित करने से पहले उनसे बातचीत करेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पूरे सम्मेलन के दौरान मौजूद रहेंगे। यह सम्मेलन कई सत्रों में होगा।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि पुलिस व्यवस्था में प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल, वाम चरमपंथ, जेल सुधार, खालिस्तान समर्थक संगठनों की गतिविधियां तथा जम्मू कश्मीर में आतंकवादी हमले ऐसे अन्य अहम मुद्दे हैं जिनपर इस वार्षिक सम्मेलन में चर्चा होगी।

पुलिस महानिदेशक और पुलिस महानिरीक्षक स्तर के करीब 250 अधिकारी यहां ‘राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर’ में इस सम्मेलन में प्रत्यक्ष रूप से हिस्सा ले रहे हैं जबकि 200 से अधिक अधिकारी डिजिटल माध्यम से इसमें भाग ले रहे हैं।

अधिकारी ने बताया कि कई अधिकारियों को आतंकवाद निरोधक मुहिम, ऑनलाइन धोखाधड़ी, जम्मू कश्मीर में सीमापार से आतंकवाद, खालिस्तान समर्थक संगठनों की गतिविधियां तथा वाम चरमपंथ जैसे खास विषयों पर ‘प्रजेंटेशन’ (प्रस्तुति) देने का जिम्मा दिया गया है।

इन उभरती अंदरूनी सुरक्षा चुनौतियों से कैसे निपटना है, इस पर विस्तार से सम्मेलन में चर्चा की जाएगी।

प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी छह और सात जनवरी को इस सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।

इस सम्मेलन में एआई और डीपफेक जैसी नयी प्रौद्योगियों के कारण सामने आ रही चुनौतियों एवं उनसे निपटने के तौर-तरीकों जैसी पुलिस व्यवस्था के भावी विषयों पर भी चर्चा होगी।

हर विषय पर राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों की श्रेष्ठ पद्धतियां भी सम्मेलन में साझा की जाएंगी ताकि राज्य एक-दूसरे से सीख पायें। प्रधानमंत्री वर्ष 2014 से इस सम्मेलन में गहरी दिलचस्पी दिखा रहे हैं।

वर्ष 2013 तक यह वार्षिक बैठक नयी दिल्ली में होती थी। लेकिन 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सत्ता संभालने के बाद से इसे देशभर में आयोजित करने का निर्णय लिया गया। गृह मंत्रालय और खुफिया ब्यूरो यह आयोजन करता है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)