नई दिल्ली: महाराष्ट्र में जवाहरलाल नेहरू पत्तन न्यास (JNPT) को वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से रायगढ़ जिले में एक अतिरिक्त कंटेनर टर्मिनल के लिये तटीय नियामक जोन (CRZ) और पर्यावरणीय मंजूरी मिलने के खिलाफ दायर याचिका पर तथ्यात्मक रिपोर्ट देने के लिये राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने एक समिति का गठन किया है. अधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने मंत्रालय और जेएनपीटी को भी नोटिस जारी किया है.
पीठ ने कहा, “हम चार सदस्यीय एक समिति गठित कर रहे हैं जिसमें मंत्रालय, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी), एमसीजेडएमए और रायगढ़ के जिलाधिकारी सदस्य होंगे और यह इस मामले में तीन महीने के अंदर ई-मेल के जरिये अपनी स्वतंत्र तथ्यात्मक रिपोर्ट देगी. राज्य पीसीबी और महाराष्ट्र तटीय क्षेत्र प्रबंधन प्राधिक ण (एमसीजेडएमए) समन्वय और अनुपालन के लिये नोडल एजेंसी होंगे. यह भी पढ़े: महाराष्ट्र में 65,000 करोड़ रुपये की लागत से एक प्रमुख बंदरगाह बनाने को केंद्र सरकार की मंजूरी
इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 27 अक्टूबर तय की गई है.अधिकरण रायगढ़ के उरान तालुका में जेएनपीटी को वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा अतिरिक्त कंटेनर टर्मिलन के लिये दी गई सीआरजेड और पर्यावरणीय मंजूरी के खिलाफ महाराष्ट्र निवासी दिलीप पांडुरंग कोली और अन्य द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था.
याचिकाकर्ता के मुताबिक इस क्षेत्र की एमसीजेडएमए द्वारा परिस्थितिकी रूप से संवेदनशील इलाके के तौर पर पहचान की गई है और यह संबंधित नक्शे में सीआरजेड-1ए के तहत आता है जहां किसी तरह के निर्माण की इजाजत नहीं है. याचिका के मुताबिक, “अधिकारियों ने त्रुटिपूर्ण तरीके से इलाके को सीआरजेड-4 माना है जो अभिलेख के खिलाफ है.
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)