जरुरी जानकारी | वाणिज्यिक खनन: इस्पात कंपनियां कोकिंग कोल ब्लॉक के लिये बोली लगाने से दूर रहीं

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. वाणिज्यिक खनन के वास्ते नीलामी के लिए रखी गई 38 खानों में से चार कोकिंग कोल ब्लॉक के लिए बोली लगाने में किसी भी इस्पात कंपनी ने रुचि नहीं दिखाई। ईंधन की गुणवत्ता और अधिक पूंजी लागत को लेकर उनकी चिंता है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

कोलकाता, दो अक्टूबर वाणिज्यिक खनन के वास्ते नीलामी के लिए रखी गई 38 खानों में से चार कोकिंग कोल ब्लॉक के लिए बोली लगाने में किसी भी इस्पात कंपनी ने रुचि नहीं दिखाई। ईंधन की गुणवत्ता और अधिक पूंजी लागत को लेकर उनकी चिंता है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि इस्पात निर्माण के लिए कोकिंग कोल, एक महत्वपूर्ण कच्चा माल है। नीलामी के लिए रखे गये कोकिंग कोल के चार ब्लॉकों में से, दो के लिये कंपनियों से बोलियां मिलीं है लेकिन बोली लगाने वाली ये कंपनियां इस्पपात नहीं बनाती हैं।

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एक इस्पात कंपनी के अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, “इस्पात कंपनियों ने कोकिंग कोल ब्लॉकों के लिए बोली लगाने में दिलचस्पी नहीं दिखाई क्योंकि इन खदानों से निकलने वाले ईंधन की गुणवत्ता बहुत अच्छी नहीं है और खनन के लिए पूंजी लागत कहीं अधिक आयेगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कोविड -19 महामारी के दौरान पूंजी व्यय कोष की उपलब्धता भी सीमित है। ऐसे में आयात ही एक बेहतर विकल्प है।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘चार खानों की निजी उपयोग के लिए, पूर्व में चार बार पेशकश की गई, लेकिन किसी भी इस्पात बनाने वाली कंपनी ने रुचि नहीं दिखाई थी। नीलामी के मौजूदा दौर में, इस्पात कंपनियों ने बोलियां जमा ही नहीं की हैं।’’

उन्होंने दावा किया कि कोयले की जिन दो खानों के लिए बोली मिली है उनमें एक झारखंड में ब्रह्माडीह है और दूसरी मध्य प्रदेश में उरतन है।

सरकार ने वाणिज्यिक खनन के लिए कुल 38 कोयला ब्लॉकों को नीलामी के लिए रखा है।

नीलामी प्रक्रिया में 23 कोयला खदानों के लिए 42 कंपनियों ने 76 बोलियां प्रस्तुत की हैं। कोयला मंत्रालय ने कहा था कि 19 कोयला खदानों के लिए दो या अधिक बोलियां प्राप्त हुई थीं।

एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘‘सरकार उन 19 कोयला ब्लॉकों को लेकर आगे बढ़ेगी, जिनके लिए दो या उससे अधिक बोलियां प्राप्त हुई। बाकी खानों के लिए नीलामी प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया है जिनके लिए एक बोली या कोई बोली नहीं, प्राप्त हुई थी।

नीलामी प्रक्रिया में, मध्य प्रदेश के 11 में से आठ ब्लॉकों के लिए बोलियां मिलीं, जबकि कंपनियों ने झारखंड की नौ कोयला खदानों में से छह में अपनी रुचि दिखाई है।

कंपनियों ने बिक्री के लिए रखे गये ओडिशा के नौ कोयला ब्लॉकों में से पांच के लिए बोलियां लगाई हैं जबकि छत्तीसगढ़ में बिक्री के लिए रखे गये सात में से दो खानों के लिए बोली लगाई गई है। महाराष्ट्र में बिक्री के लिए रखे गये उसके दो खानों की नीलामी में कंपनियों ने रुचि दिखाई है।

जून में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने वाणिज्यिक खनन के लिए 41 कोयला ब्लॉकों के लिए नीलामी प्रक्रिया शुरू की। यह एक कदम था जो निजी कंपनियों के लिए भारत के कोयला क्षेत्र को खोलता है और इसे देश की आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम करार दिया गया। बाद में सूची को संशोधित कर इसे 38 खान कर दिया गया।

राजेश

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