नयी दिल्ली, 23 नवंबर सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने खनन कार्यों में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों का आयात अगले छह वर्षों में चरणबद्ध ढंग से खत्म करने की योजना बनाई है।
कोयला मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को बयान में कहा कि उच्च क्षमता वाले खनन उपकरणों का आयात क्रमिक रूप से बंद करने की योजना सीआईएल ने बनाई है। इस योजना को अगले छह वर्षों में अंजाम दिया जाएगा।
देश की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया ने बीते पांच वर्षों में 3,500 करोड़ रुपये मूल्य के खनन उपकरणों का आयात किया है। इसके अलावा इनके आयात पर 1,000 करोड़ रुपये का शुल्क भी देना पड़ा है।
लेकिन अब कोल इंडिया इन उपकरणों के आयात पर आने वाली लागत को कम करने और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए छह वर्षों में इनका आयात क्रमिक रूप से कम करने की रणनीति बनाई है। घरेलू विनिर्माताओं से इन मशीनों की खरीद शुरू भी कर दी गई है।
बयान के मुताबिक, कोल इंडिया के निदेशक (तकनीकी) की अध्यक्षता में बनाई गई एक उच्चस्तरीय समिति ने इस रणनीति की अनुशंसा की थी। समिति ने कहा था कि वर्ष 2030 के बाद भी कोयला ऊर्जा का प्रमुख स्रोत बना रहेगा लिहाजा इसके खनन से संबंधित उपकरणों की जरूरत को पूरा करने पर ध्यान देना होगा।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)
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एजेंसी न्यूज
Bhasha|
Nov 23, 2023 05:12 PM IST
नयी दिल्ली, 23 नवंबर सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने खनन कार्यों में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों का आयात अगले छह वर्षों में चरणबद्ध ढंग से खत्म करने की योजना बनाई है।
कोयला मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को बयान में कहा कि उच्च क्षमता वाले खनन उपकरणों का आयात क्रमिक रूप से बंद करने की योजना सीआईएल ने बनाई है। इस योजना को अगले छह वर्षों में अंजाम दिया जाएगा।
देश की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया ने बीते पांच वर्षों में 3,500 करोड़ रुपये मूल्य के खनन उपकरणों का आयात किया है। इसके अलावा इनके आयात पर 1,000 करोड़ रुपये का शुल्क भी देना पड़ा है।
लेकिन अब कोल इंडिया इन उपकरणों के आयात पर आने वाली लागत को कम करने और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए छह वर्षों में इनका आयात क्रमिक रूप से कम करने की रणनीति बनाई है। घरेलू विनिर्माताओं से इन मशीनों की खरीद शुरू भी कर दी गई है।
बयान के मुताबिक, कोल इंडिया के निदेशक (तकनीकी) की अध्यक्षता में बनाई गई एक उच्चस्तरीय समिति ने इस रणनीति की अनुशंसा की थी। समिति ने कहा था कि वर्ष 2030 के बाद भी कोयला ऊर्जा का प्रमुख स्रोत बना रहेगा लिहाजा इसके खनन से संबंधित उपकरणों की जरूरत को पूरा करने पर ध्यान देना होगा।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)