लंदन, एक मार्च ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली भारत और क्षेत्र में तकनीकी तथा आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में प्रौद्योगिकी मामलों से जुड़े अपने पहले दूत की तैनाती की घोषणा करेंगे।
मंत्री जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक से पहले बुधवार को भारत पहुंचेंगे और रक्षा, सुरक्षा तथा व्यापारिक संबंध बढ़ाने के लिए ‘ब्रिटेन-भारत 2030 रोडमैप’ पर अब तक की प्रगति पर अपने भारतीय समकक्ष एस. जयशंकर के साथ वार्ता करेंगे।
ब्रिटेन के विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) के अनुसार, क्लेवरली भारत-यूरोप व्यापार कार्यक्रम के दौरान भारत के साथ एक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को अंतिम रूप देने की ब्रिटेन की प्रतिबद्धता को दोहराएंगे।
ब्रिटेन सरकार के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, ब्रिटेन-भारत के व्यापारिक संबंध 2022 में 34 अरब जीबीपी (ब्रिटिश पाउंड) के थे, जो एक वर्ष में 10 अरब जीबीपी बढ़ रहे हैं।
क्लेवरली ने यात्रा से पहले कहा, ‘‘भारत, ब्रिटेन का एक बेहद महत्वपूर्ण भागीदार है और अब हम जो संबंध बढ़ा रहे हैं वह ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को विकसित करने और भविष्य के लिए हमारे उद्योगों को बढ़ावा देने में मदद करेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारत प्रौद्योगिकी में एक उभरती वैश्विक ताकत भी है और इस क्षेत्र में हमारे बीच बेहतर सहयोग के अपार अवसर हैं। इसलिए हम दोनों देशों की तकनीकी विशेषज्ञता को बढ़ाने के लिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपने प्रौद्योगिकी मामलों से जुड़े पहले दूत की तैनाती करेंगे।’’
एफसीडीओ के अनुसार, इस नए प्रौद्योगिकी दूत की भूमिका विज्ञान एवं तकनीकी महाशक्ति के रूप में ब्रिटेन की स्थिति को बढ़ाने की होगी। दूत वैश्विक प्रौद्योगिकी मानकों को स्थापित करने और नवीन प्रौद्योगिकी के माध्यम से चुनौतियों को हल करने में मदद करने सहित साझा हित के क्षेत्रों में भागीदारों के साथ काम करेगा।
क्लेवरली खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और विकास पर वैश्विक प्रयासों को आगे बढ़ाने के ब्रिटेन के लक्ष्य को रेखांकित करने के लिए भारत की अध्यक्षता में हो रही जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक में बृहस्पतिवार को हिस्सा लेंगे।
निहारिका सुरभि
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