नयी दिल्ली, 19 मई कांग्रेस के हालिया चिंतन शिविर से छूट गए प्रदेश इकाइयों के कई वरिष्ठ पदाधिकारियों, राष्ट्रीय प्रवक्ताओं और मंत्रियों समेत करीब 120 नेताओं की नाराजगी दूर करने के लिए पार्टी नेतृत्व जल्द ही एक ‘चिंतन शिविर’ का आयोजन करेगा।
पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस नेतृत्व अगले कुछ हफ्तों के भीतर कांग्रेस के उन 120 पदाधिकारियों के साथ मंथन करेगा, जो पार्टी के चिंतन शिविर में शामिल नहीं हो सके थे।
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस के चिंतन शिविर में 430 लोगों को आमंत्रित किया गया। प्रदेश कांग्रेस कमेटियों के करीब 70 कार्यकारी अध्यक्ष, 15-16 राष्ट्रीय प्रवक्ता तथा कुछ राज्यों में हमारी पार्टी से संबंधित मंत्री चिंतन शिविर में शामिल नहीं हो सके थे। इनके साथ कुछ हफ्तों में कांग्रेस नेतृत्व बैठक करेगा।’’
सूत्रों ने यह भी बताया कि जल्द ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी के स्तर पर राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) का भी गठन होगा जिसमें संबंधित राज्य के 8-10 वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। उदयपुर के चिंतन शिविर में पीएसी के गठन का फैसला हुआ था।
उन्होंने कहा, ‘‘पीएससी राज्य से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करेगी और निर्णय लेगी। संबंधित राज्य में गठबंधन के बारे में भी फैसला करने में इसकी अहम भूमिका होगी।’’
सूत्रों ने यह जानकारी भी दी कि देश में ‘धार्मिक ध्रुवीकरण की राजनीति’ के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी का मुकाबला करने के मकसद से निकाली जाने वाली कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ लगभग 3500 किलोमीटर की दूरी तय करेगी और इसमें समाजिक सौहार्द का संदेश देने के साथ-साथ ‘संविधान, धर्मनिरपेक्षता और सरकारी संपत्तियों को बचाने’ का भी आह्वान किया जाएगा।
उन्होंने यह भी बताया कि यह यात्रा दो अक्टूबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से आरंभ होगी और 12 राज्यों से होते हुए इसका समापन जम्मू-कश्मीर में होगा तथा इसके पूरा होने में पांच से साढ़े पांच महीने का समय लगेगा।
सूत्रों का यह भी कहना है कि इस यात्रा को निकालने की तैयारी के साथ ही ‘उदयपुर नवसंकल्प’ में किए गए निर्णयों को अमलीजामा पहनाने के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं तथा पार्टी की मीडिया एवं संचार से जुड़ी रणनीति में आमूलचूल परिवर्तन किया जाएगा।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि संगठन में 50 प्रतिशत स्थान 50 साल से कम उम्र के लोगों के देने के फैसले पर जल्द ही अमल शुरू हो जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘अगले तीन-चार महीनों के भीतर ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों और जिला कांग्रेस कमेटियों के स्तर पर बदलाव होंगे और इनमें औसत उम्र 45 साल या इससे भी कम हो सकती है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी और कांग्रेस कार्य समिति के स्तर पर इस व्यवस्था को लागू करने में समय लग सकता है, क्योंकि इसमें वरिष्ठ नेताओं की मौजदूगी और कई अन्य पहलुओं को देखना होता है।’’
कांग्रेस के नेता ने कहा, ‘‘हाल के महीनों में पंजाब, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर में जिन नेताओं को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया, उनकी उम्र 35 से 50 साल के बीच में है। कांग्रेस युवाओं को लगातार मौके दे रही है।’’
कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि 15 जून से महंगाई और बेरोजगारी के विषय पर पार्टी के ‘जनजागरण अभियान’ का दूसरा चरण आरंभ होगा और जिला स्तर पर चलेगा।
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