नयी दिल्ली, सात जुलाई वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान देश के कुल आयात में चीन की हिस्सेदारी घटकर 15.4 प्रतिशत रह गई।
सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। वित्त वर्ष 2020-21 में भारत के आयात में चीन का हिस्सा 16.5 प्रतिशत रहा था।
सूत्र के मुताबिक, चीन से भारत में आयातित प्रमुख वस्तुओं का उपयोग दूरसंचार और बिजली जैसे क्षेत्रों की मांग को पूरा करने के लिए किया जाता है।
उन्होंने कुछ उदाहरण देते हुए कहा कि दवाओं में इस्तेमाल होने वाले रसायन (एपीआई) के आयात से भारतीय दवा उद्योग को तैयार माल के उत्पादन के लिए कच्चा माल उपलब्ध होता। बाद में इस तैयार माल का निर्यात भी किया जाता है।
सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी उत्पादों और चिकित्सा एवं विज्ञान के उपकरणों के आयात में वृद्धि हुई है। इसकी मुख्य वह कोविड-19 महामारी के दौरान इन उत्पादों की ऊंची मांग है।
चीन को निर्यात पिछले वित्त वर्ष में मामूली रूप से बढ़कर 21.25 अरब डॉलर हो गया। 2020-21 में यह 21.18 अरब डॉलर रहा था। वहीं इस दौरान चीन से आयात 65.21 अरब डॉलर से बढ़कर 94.16 अरब डॉलर हो गया।
चीन को भारत का निर्यात अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बाद तीसरे स्थान पर है।
सूत्रों ने कहा कि चीन से भारत को मोबाइल फोन का आयात 2021-22 में 55 प्रतिशत घटकर 62.6 करोड़ डॉलर रह गया। वित्त वर्ष 2020-21 में 1.4 अरब डॉलर के मोबाइल फोन आयात हुआ था।
सूत्र ने कहा, ‘‘ कई आयातित उत्पादों की गुणवत्ता के लिए तकनीकीय नियमन बनाए गए हैं। इससे चीन समेत किसी भी देश की खराब गुणवत्ता वाले उत्पादों के आयात को रोका जा सकेगा।
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