चीन, रूस, पाकिस्तान, ईरान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के पड़ोसी देशों से जुड़ी मुख्य बैठकों में प्रतिनिधि भेजने की उम्मीद है।
चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि इसी समय एक अलग बैठक अफगानिस्तान के लिए नियुक्त चीन, अमेरिका और रूस के विशेष दूतों के बीच होगी।
मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा, ‘‘चीन, अमेरिका, रूस और पाकिस्तान, वे देश हैं जो अफगान मुद्दे पर महत्वपूर्ण प्रभाव रखते हैं।’’
उन्होंने कहा कि तीसरी बैठक अफगानिस्तान के पड़ोसी देशों के विदेश मंत्रियों की होगी, ताकि शीघ्र ही अफगानिस्तान को शांति, स्थिरता और विकास हासिल करने में मदद करने के लिए सभी पक्षों की आम सहमति को मजबूत किया जा सके।
चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने बुधवार को रूस, पाकिस्तान और कतर के अपने समकक्षों से मुलाकात की।
एक वीडियो में वांग और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव एक दूसरे का गर्मजोशी से अभिवादन करते नजर आ रहे हैं।
वांग ने यूक्रेन संकट पर कहा, ‘‘हमें शीत युद्ध की मानसिकता को एशिया में फिर से उभरने नहीं देना चाहिए, या क्षेत्र के छोटे एवं मध्यम आकार के देशों का इस्तेमाल शक्तिशाली देशों के औजार या आत्मघाती वस्तु के तौर पर नहीं होने देना चाहिए। ’’
कतर और इंडोनेशिया के विदेश मंत्रियों को बैठक में पड़ोसी देश के अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया है। वहीं, तालिबान द्वारा नियुक्त विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी बैठक में अफगानिस्तान का प्रतिनिधित्व करेंगे।
उल्लेखनीय है कि चीन ने अफगानिस्तान की नयी कट्टरपंथी सरकार को मान्यता नहीं दी है लेकिन वह अमेरिका द्वारा की गई कड़ी आलोचना से सहमति जताने से भी दूर रहा है।
एपी
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