बीजिंग, 22 अक्टूबर चीन ने अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को क्रमिक रूप से वापस बुलाने की बृहस्पतिवार को अमेरिका से अपील की।
हाल के वर्षों में अफगानिस्तान के साथ अपने संपर्क बढ़ाने वाले चीन ने साल के अंत तक इस युद्ध ग्रस्त देश से सभी सैनिकों को वापस बुलाने की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की घोषणा के बाद यह कहा है।
उल्लेखनीय है कि 29 फरवरी को अमेरिका और तालिबान ने दोहा में एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किया था, जिसका उद्देश्य अफगानिस्तान में टिकाऊ शांति लाना और वहां लंबे युद्ध के बाद अमेरिकी सैनिकों की स्वदेश वापसी सुनिश्चित करना है।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा, ‘‘अफगानिस्तान मुद्दा जटिल है और इसका हल करने में मुश्किल होगी। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस दिशा में आतंरिक और बाहरी कारकों को अवश्य ही समन्वित करना होगा, अन्यथा यह नुकसानदेह साबित होगा। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘अफगान मुद्दे में अमेरिका सबसे बड़ा बाहरी कारक है। उसे क्रमिक रूप से और जिम्मेदार तरीके से अपने सैनिक वापस बुलाने चाहिए , ताकि अफगानिस्तान में हिंसा नहीं बढ़े तथा अंत:अफगान बातचीत के लिये अनुकूल बाहरी माहौल बने, इसके सिवा कोई दूसरा विकल्प नहीं है।’’
अफगानिस्तान के साथ चीन की सीमा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के अलावा संकरे वखान गलियारे के जरिये लगी हुई है। वहीं, शिंजियांग में स्थिति को लेकर अपनी चिंताओं के कारण भी चीन अफगानिस्तान में उभरते हालात पर करीब नजर रखे हुए हैं।
शिंजियांग में चीन अलगाववादी ‘‘ईस्ट तुर्कीस्तान इस्लामिक मूवमेंट’’ (ईटीआईएम) से जूझ रहा है।
चीन, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच भी सुलह कराने की कोशिश कर रहा है। दरअसल, अफगान सरकार ने आरोप लगाया था कि पाक त्रिपक्षीय वार्ता के जरिये तालिबान का समर्थन कर रहा है।
ट्रंप ने इस महीने की शुरूआत में ट्विटर पर घोषणा की थी कि वह अफगानिस्तान से सभी अमेरिकी सैनिकों की क्रिसमस तक वापसी चाहते हैं।
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