Uttarkashi Tunnel Accident: उत्तराखंड सुरंग हादसे से सकुशल वापस लौटे उप्र के श्रमिकों से मुख्यमंत्री योगी ने मुलाकात की
उत्तराखंड में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग से उत्तर प्रदेश के श्रमिकों की सकुशल वापसी के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अपने आवास पर उनसे और उनके परिजनों से मुलाकात की . आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि शुक्रवार को दोपहर में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने इन आठ श्रमिकों से अपने आवास पर मुलाकात की और हर एक की कुशल-क्षेम पूछी .
लखनऊ, 1 दिसंबर : उत्तराखंड में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग से उत्तर प्रदेश के श्रमिकों की सकुशल वापसी के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अपने आवास पर उनसे और उनके परिजनों से मुलाकात की . आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि शुक्रवार को दोपहर में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने इन आठ श्रमिकों से अपने आवास पर मुलाकात की और हर एक की कुशल-क्षेम पूछी . इस दौरान मुख्यमंत्री ने उनका हाल भी जाना और उनके अनुभवों को भी सुना.मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रसन्नता हो रही है कि सुरंग हादसे में फंसे उत्तर प्रदेश के सभी श्रमिक सकुशल वापस लौट आए और अब अपने घरों को जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हर मुश्किल समय में अपने लोगों के साथ खड़ी है और खड़ी रहेगी. इस दौरान उन्होंने सभी श्रमिकों के साहस और धैर्य की सराहना भी की. योगी ने सभी श्रमिकों को उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया और उन्हें मिठाई तथा उपहार भी प्रदान किए. उल्लेखनीय है कि उत्तरकाशी में सुरंग दुर्घटना में अंदर फंस गए 41 श्रमिकों में से आठ उत्तर प्रदेश के थे. सुरंग में पूरे 16 दिन बिताने के बाद 17वें दिन सभी 41 श्रमिकों को बाहर निकाला जा सका. उत्तर प्रदेश के आठ श्रमिकों में से श्रावस्ती से छह (अंकित, राम मिलन, सत्यदेव, संतोष, जयप्रकाश और राम सुंदर), लखीमपुर खीरी से एक (मंजीत) और मिर्जापुर से एक (अखिलेश कुमार) शामिल थे.
मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर इन श्रमिकों की पल-पल जानकारी के लिए प्रदेश सरकार की ओर से एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया था. साथ ही सभी परिजनों को उनकी स्थिति के विषय में हर दिन जानकारी दी जा रही थी. आधिकारिक बयान के मुताबिक, मुलाकात के दौरान एक श्रमिक ने बताया ‘‘ जब हादसा हुआ तो हमें लगा कि ऑक्सीजन पाइप में कुछ नुकसान हुआ है. हम जब आगे गए तो सामने से मलबा आते देखा. हमारी हिम्मत टूट गयी.’’ उन्होंने बताया ‘‘जिस जगह हम फंसे थे, उस जगह सुरंग की लंबाई ढाई किमी और चौड़ाई 14 मीटर थी. सुरंग में इतनी ऑक्सीजन थी कि हम दो-तीन दिन वहां रह सकते थे. हमारी कंपनी और सरकार ने बहुद मदद की. अगर बाहर से खाने-पीने की सामग्री और ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद हो जाती तो हमारा जीवन भी नहीं बचता.’’ श्रमिक ने बताया कि कंपनी और सरकार ने ऐसी व्यवस्था की थी कि अंदर एक मिनट भी लाइट नहीं गई. उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार की ओर से जब एक अधिकारी ने अंदर उनसे बात की तो पता चला कि भारत सरकार, उत्तराखंड सरकार और हमारे प्रदेश की सरकार भी हमें बचाने के लिए मुस्तैद है तो हमें बहुत तसल्ली मिली.’’ बातचीत के दौरान श्रमिकों ने प्रदेश सरकार की ओर से किए गए प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री आदित्यनाथ को धन्यवाद दिया. यह भी पढ़ें :एकनाथ शिंदे के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोपी पूर्व महापौर को जमानत
मुख्यमंत्री ने सभी श्रमिकों से पूछा कि वे कब से उत्तराखंड की इस सुरंग में काम कर रहे हैं. साथ ही मुख्यमंत्री ने श्रमिकों के परिजनों से भी बातचीत की और उनकी स्थिति के विषय में जाना. श्रावस्ती के जय प्रकाश ने कहा ‘‘मुख्यमंत्री से मिलकर बहुत अच्छा लग रहा है. उन्होंने जिस तरह हौसला बढ़ाया है उससे बहुत प्रेरणा मिली. हादसे के बाद पहले दिन सुरंग में बहुत मुश्किल हुई थी, लेकिन जब पता चला कि उन्हें बाहर निकलने का प्रयास किए जा रहे हैं तो उम्मीद बांध गई थी.’’ लखीमपुर खीरी के मंजीत ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी से मुलाकात बहुत अच्छी रही. ‘‘उनसे मिलकर बहुत अच्छा महसूस हो रहा है. कभी नहीं सोचा था कि एक दिन मुख्यमंत्री योगी से मिल सकूंगा.’’ मिर्जापुर के अखिलेश कुमार ने कहा कि उन्होंने हिम्मत कभी नहीं हारी. ‘‘सभी साथी एक दूसरे का हौसला बढ़ाते रहे और हमें यकीन था कि हम बाहर जरूर आएंगे.’’ इन श्रमिकों के साथ श्रावस्ती के अंकित, राम मिलन, सत्यदेव, संतोष, जयप्रकाश, राम सुंदर, लखीमपुर खीरी के मंजीत और मिर्जापुर के अखिलेश कुमार भी थे .